दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा भारतीय जनता पार्टी के बीच घर-घर राशन पहुंचाने की योजना को लेकर छिड़े विवाद को श्रेय लेने की गंदी राजनीति करार देते हुए कहा कि यह जनता को गुमराह करने वाली सोची समझी रणनीति और कोरोना काल की विफलताओं पर पर्दा डालने का प्रयास है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने रविवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने कानून बनाकर गरीबों को खाद्य सुरक्षा का अधिकार दिया था लेकिन भाजपा और श्री केजरीवाल इन अधिकारों को गरीब जनता तक पहुँचाने की जगह क्रेडिट लेने के लिए गंदी राजनीति कर रहे है।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल को शराब माफ़ियाओं को लाभ पहुँचाना होता है तो उपराज्यपाल से बिना किसी टकराहट के ‘घर घर शराब’ पहुँचाने वाली योजना पर सहमति बना लेते है लेकिन जब आम लोगों को राशन मुहैया कराने की बात होती है तो गरीबों के लिए बनी योजना को लेकर गंदी राजनीति शुरू कर दी जाती है।
अनिल चौधरी ने कहा कि शीला दीक्षित सरकार के दौरान दिल्ली में 31 लाख राशन कार्ड थे और अब घटकर 17 लाख रह गए है। उन्होंने कहा कि श्री केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने दिल्ली में 463 राशन की दुकानों को बंद कर 420 से अधिक नए शराब के ठेके खोल दिए हैं। उनका कहना था कि केजरीवाल सरकार की मंशा लोगों को राशन पहुंचाने की होती तो राज्य स्तर पर जिन लगभग 54 लाख लाभार्थी के राशन कार्ड आवेदन पिछले सात वर्षों से लम्बित है, उन्हें राज्य स्तर पर योजना बना राशन मुहैया करा सकते थे।