सूत्रों के मुताबिक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव की चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर से दो-तीन मुलाकात हो चुकी हैं। नरेंद्र मोदी के चुनाव अभियान में अहम भूमिका निभाने के बाद प्रशांत किशोर चर्चा में आए थे। इसके बाद वह बिहार चुनाव में जदयू के साथ थे तो नीतीश कुमार को भारी सफलता मिली। अब वह उप्र में कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं।
प्रशांत किशोर की टीम को प्रदेश की 230 सीटों की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि केंद्र वार उपलब्ध कराए जा चुके हैं। रणनीति प्रदेश को सात सेक्टरों में बांटकर चुनाव लड़ने की है। इसमें महाकोशल, विंध्य, बुंदेलखंड, मध्य, मालवा-निमाड़, ग्वालियर-चंबल जैसे क्षेत्र बनेंगे।
गुटबाजी रोकने के लिए प्रभाव रखने वाले बड़े नेताओं को तो आगे किया ही जाएगा, लेकिन फोकस चुनिंदा सीटों पर ही रहेगा। कई सीटों पर नेताओं का प्रभाव काम करता है। ऐसी सीटों को छोड़कर पार्टी दूसरे स्थान पर ताकत लगाएगी। कई सीटें ऐसी भी हैं जहां हार-जीत का अंतर काफी कम था। जाहिर है कि पार्टी इन्हें प्राथमिकता देगी।