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केरल में बोले मोदी, भले यहां हमारा खाता नहीं खुला, लेकिन वाराणसी की तरह केरल भी मेरा अपना

प्रधानमंत्री बनने के बाद अपनी पहली यात्रा पर केरल आए नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता...
केरल में बोले मोदी, भले यहां हमारा खाता नहीं खुला, लेकिन वाराणसी की तरह केरल भी मेरा अपना

प्रधानमंत्री बनने के बाद अपनी पहली यात्रा पर केरल आए नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की शानदार जीत पर कहा कि जनता का मूड कोई नहीं समझ पाया। उन्होंने कहा, भले ही यहां हमारा खाता नहीं खुला, लेकिन केरल भी वाराणसी की तरह मेरा अपना है। हम राजनीति में सिर्फ सरकार बनाने के लिए नहीं बल्कि देश का निर्माण करने के लिए आए हैं।

गुरुवायुर मंदिर में पूजा के बाद त्रिसूर में एर रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि गुरुवायूर की धरती पर आने का मुझे सौभाग्य मिला। ये मेरे लिए नई शक्ति देने वाला अवसर है। उन्होंने इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं का आभार भी जताया। साथ ही, पीएम मोदी ने लोकतंत्र के उत्सव में योगदान के लिए केरल के लोगों का धन्यवाद भी किया।   

गुजरात के लोगों का आपसे खास रिश्ता

मोदी ने कहा, 'चाहे गुरुवायूर हो या द्वारकाधीश। हम गुजरात के लोगों का आपसे खास रिश्ता है। यहां के नागरिकों का अभिनंदन करता हूं। आपने लोकतंत्र में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। राजनीतिक दल और पॉलिटिकल पंडित जनता के मिजाज को नहीं पहचान पाए। सर्वे एजेंसी भी इधर-उधर होती रहीं, लेकिन जनता ने अपना मत दिया। कई पंडितों को विचार आता होगा कि केरल में मोदी का खाता भी नहीं खुला और लोगों को धन्यवाद देने केरल आए हैं, लेकिन ये हमारे संस्कार हैं।'

यह हमारी संस्कृति है, हमारी सोच है

चुनावी नतीजों की बात करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ पंडितों को लगता था कि बीजेपी केरल में अपना खाता नहीं खोल सकी लेकिन मोदी लोगों को धन्यवाद देने के लिए वहां जा रहे हैं। उसके मन में क्या है? लेकिन यह हमारी संस्कृति है, हमारी सोच है।

केरल भी मेरा उतना ही जितना वाराणसी  

उन्होंने कहा, ‘हम मानते हैं कि चुनावों का अपना एक स्थान है लेकिन चुनावों के बाद अधिक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी 130 करोड़ नागरिकों की है। जिन लोगों ने हमें अपना बनाया है, जिन्होंने हमें नहीं जिताया, वे भी हमारे हैं। केरल उतना ही मेरा है जितना कि वाराणसी।

हम केवल सरकार बनाने के लिए राजनीति में नहीं आए हैं

पीएम मोदी ने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता केवल चुनावी राजनीति के लिए मैदान में नहीं रहे हैं, बल्कि वे 365 दिन लोगों की सेवा करते हैं। हम केवल सरकार बनाने के लिए राजनीति में नहीं आए हैं बल्कि हम यहां राष्ट्र का निर्माण करने के लिए आए हैं, हम 'तपस्या' के लिए आए हैं ताकि यह देखा जा सके कि भारत को दुनिया में अपना सही स्थान मिले।

जीवन भर लोगों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं

केरल के गुरुवयुर में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोग 5 साल के लिए अपना 'जनप्रतिनिधि' चुनते हैं, लेकिन हम 'जनसेवक' हैं, जो जीवन भर लोगों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

विशेष पूजा-अर्चना के साथ मोदी ने निभाई तुलाभारम रस्म

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केरल के त्रिसूर में प्रसिद्ध गुरुवायुर मंदिर में पारंपरिक परिधानों में विशेष पूजा-अर्चना के साथ तुलाभारम रस्म भी पूरी की। इस रस्म में पीएम मोदी को मंदिर में कमल के फूलों से तौला गया है। इस दौरान 112 किलो कमल के फूलों का इस्तेमाल किया गया।

 

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