बुधवार को प्रधानमंत्री के द्वारा अर्थव्यवस्था पर दी गई सफाई से विरोधियों को घेरने का एक और मौका मिल गया। प्रधानमंत्री मोदी ने जीएसटी, नोटबंदी से लेकर कई मोर्चों पर अपनी बात रखी थी। इस दौरान उन्होंने कहा कि पीएम ने कहा कि 'लोगों के अंदर शल्य जैसा निगेटिव भाव है। यहां तो लोगों ने डोकलाम हुआ तो भी निराशा फैलाई। कुछ लोगों को निराशा फैलाने में अद्भुत आनंद आता है। ऐसे लोगों के लिए आजकल एक क्वॉर्टर की ग्रोथ कम होना सबसे बड़ी खुराक मिल गई है।
हमारे देश में भी मुट्ठी भर लोग ऐसे हैं, जो देश की प्रतिष्ठा को, हमारी ईमानदार सामाजिक संरचना को कमजोर करने का काम करते रहे हैं : पीएम मोदी pic.twitter.com/p3m6C0IZxg
— BJP (@BJP4India) 4 October 2017
प्रधानमंत्री के पूरे भाषण को लेकर आलोचनाओं का दौर शुरू हो गया है। उनके द्वारा पेश किए गए आंकड़े, तथ्य और तर्क पर भी आलोचक निशाना साध रहे हैं। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने प्रधानमंत्री द्वारा अर्थव्यवस्था को मजबूत बताने के दावे को ‘जुमलानोमिक्स’ करार देते हुए कई सवाल उठाए हैं।
आर्थिक मंदी के बारे में मोदी के दावे को गलत बताते हुए येचुरी ने कहा कि अर्थव्यवस्था में मंदी का दौर सिर्फ एक तिमाही से नहीं है बल्कि यह दौर पिछली छमाही से जारी है।
येचुरी ने ट्वीट के जरिए कहा ‘‘पीएम के जुमालानोमिक्स भाषण में आरबीआई के जीवीए अनुमान को 6.7 प्रतिशत से उन्होंने बदल कर 7.7 फीसदी कर दिया।”
In PM's Jumlanomics speech, RBI's GVA projection of 6.7% was changed by him to 7.7%. How do you trust the data he throws around?
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) 4 October 2017
येचुरी ने नोटबंदी के मुद्दे पर घेरते हुए कहा, “नोटबंदी से हुयी तबाही तथा जीएसटी के कुप्रबंधन या अप्रत्यक्ष कर की ऊंची दर से हुये नुकसान के लिये कौन जिम्मेदार है।”
Who is responsible for the Demonetisation disaster? And the gross mismanagement of GST or higher indirect taxes? #InformalSectorCrushed
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) 4 October 2017
इधर कांग्रेस प्रवक्ता आरएस सुरजेवाला ने तंज कसते हुए ट्वीट किया कि निवेश स्थिर है। मंजूरी नहीं मिलने की वजह से 13.32 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं रूक गई हैं! लेकिन मोदी जी केवल भाषण देते हैं।
Investment is stagnant.Projects worth ₹13.32 Lakh Cr are stalled.Lack of Clearances biggest reason! But Modi ji is giving only speeches 8/
— Randeep S Surjewala (@rssurjewala) 4 October 2017
उन्होंने आगे लिखा, “मेलोड्रामैटिक नाटक कभी भी ठोस तथ्यों को बदल नहीं सकता है। मोदी जी, 40 महीने समाप्त हो गए हैं, लेकिन प्रति वर्ष 2 करोड़ नौकरियों का वादा जुमला में बदल जाता है!
Melodramatic theatrics can never substitute solid facts.Modi ji, 40 months have lapsed but promise of 2Cr jobs per year turns into Jumla!4/
— Randeep S Surjewala (@rssurjewala) 4 October 2017
अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार ना सिर्फ विपक्षियों की आलोचनाएं झेल रही है बल्कि अपने नेता भी आड़े हाथ ले रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यशवंत सिन्हा ने एक बार फिर हमला बोलते हुए पीएम मोदी के शल्य वाले बयान पर जवाब दिया है। यशवंत सिन्हा ने कहा, “पीएम मोदी ने अपने बयान में महाभारत के शल्य का जिक्र किया। मगर, मैं भीष्म हूं और किसी कीमत पर इकोनॉमी का चीर हरण नहीं होने दूंगा।”
इसके अलावा भी सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के इस भाषण पर बहस जारी है। देखिए कुछ टिप्पणियां:
मोदी अपनी सरकार के सबसे "बेहतर" काल की तुलना कांग्रेस के सबसे बदतर काल से करते नजर आए. "उन्होने कुछ खास नहीं किया मगर मैने उनसे बेहतर किया"
— Abhisar Sharma (@abhisar_sharma) 4 October 2017