प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम बनने के बाद अयोध्या से 25 किलोमीटर दूर बुधवार को पहली चुनावी रैली को संबोधित किया लेकिन राम मंदिर मुद्दे पर कोई बात नहीं की। उन्होंने अंत में जय श्रीराम के नारे लगवाए। यह रैली गोसाईंगंज में अयोध्या-अंबेडकरनगर सीमा पर आयोजित की गई थी।
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान यह पहला मौका है जब पीएम मोदी ने मंच से भारत माता की जय या वंदे मातरम के अलावा जय श्रीराम का नारा लगवाया है। प्रधानमंत्री बनने के बाद वह पहली बार अयोध्या आए थे। भाषण की शुरुआत में उन्होंने रैली स्थल को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की धरती बताया तो अंत जय श्रीराम के नारे लगवाकर किया। उन्होंने उस भव्यता का उल्लेख किया, जिसके साथ अयोध्या में 'देव दीपावली' और प्रयागराज में 'कुंभ मेला' आयोजित किया गया था।
पीएम मोदी ने कहा कि ये मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की धरती है, ये स्वाभिमान की धरती है और पिछले पांच साल में यह स्वाभिमान और बढ़ा है। यही स्वाभिमान पिछले पांच साल की सरकार में दिखा है।
विपक्ष पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री ने विपक्ष और महागठबंधन पर हमला करते हुए इसे 'महामिलावटी' करार दिया। उन्होंने कहा कि ये दल देश को मजबूत करने की बजाय सत्ता हथियाने में ज्यादा रुचि रखते थे। पीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने आतंकवाद को खत्म करने का काम किया है जो राष्ट्र के लिए सबसे बड़ा खतरा बनकर उभरा है। प्रधानमंत्री ने लोहिया और अंबेडकर के अनुयायी होने का दावा करने के लिए सपा और बसपा की खिंचाई की। उन्होंने कहा, "इन पार्टियों को मजदूरों के बारे में चिंतित होना चाहिए था, लेकिन क्या उन्होंने कुछ किया? कांग्रेस गरीबी हटाने की बात करती है लेकिन क्या उन्होंने गरीबी हटाने के लिए कुछ किया है?"
केंद्र में मजबूत सरकार की जरूरत
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को मजबूत बनाने के लिए केंद्र में एक मजबूत सरकार की जरूरत थी। उन्होंने गरीबों के लिए अपनी सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया तथा लोगों से कमल के लिए वोट करने की अपील की।
संदेश देने में नाकाम रहे पीएमः परमहंस
महंत परमहंस दास ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री भव्य राम मंदिर के निर्माण के प्रति भाजपा की प्रतिबद्धता के बारे में लोगों को कोई संदेश देने में विफल रहे।
राम जन्मभूमि न्यास के प्रमुख महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि वह चाहते थे कि मोदी जी राम मंदिर में प्रार्थना करें। उन्होंने कहा, "अगर प्रधानमंत्री ने राम लला का आशीर्वाद मांगा होता, तो उनके लिए इससे ज्यादा फायदेमंद कुछ नहीं हो सकता। इससे देश भर में सकारात्मक संदेश जाता।"