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मोरबी पुल हादसे पर तेज हुई सियासत, कांग्रेस का सवाल-“फिटनेस सर्टिफिकेट” के बग़ैर कैसे खुला पुल?

गुजरात के मोरबी पुल हादसे को लेकर राज्य की भाजपा सरकार कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के निशाने पर...
मोरबी पुल हादसे पर तेज हुई सियासत, कांग्रेस का सवाल-“फिटनेस सर्टिफिकेट” के बग़ैर कैसे खुला पुल?

गुजरात के मोरबी पुल हादसे को लेकर राज्य की भाजपा सरकार कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के निशाने पर है। मोरबी जिले में हुए केबल ब्रिज हादसे में मृतकों की संख्या 132 के पार हो गई है। रविवार (30 अक्टूबर) की शाम पुल के टूट जाने से हुए दर्दनाक हादसे को लेकर विपक्षी पार्टियों ने बीजेपी पर आरोप लगाए हैं। इस हादसे को लेकर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला है।

सुरजेवाला ने यहां तक कहा कि बीजेपी सरकार ने फिटनेस सर्टिफिकेट के बगैर पुल को जनता के इस्तेमाल के लिए खोलने की इजाजत कैसे दी? क्या ये चुनाव आचार संहिता लगने से पहले आनन फानन में वोट बटोरने के लिए किया गया?

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने पुल हादसे को मानव निर्मित त्रासदी बताया। वहीं, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह दैवीय घटना है या धोखाधड़ी का कृत्य? सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘मोरबी पुल हादसे में गई अनगिनत जानों की दर्दनाक खबर ने पूरे देश का दिल दहला दिया है। सभी शोक संतप्त परिवारों को संवेदनाएं। यह प्राकृतिक हादसा नहीं, मानव निर्मित त्रासदी है। गुजरात की बीजेपी सरकार इस जघन्य अपराध की सीधे-सीधे दोषी है।’’

सुरजेवाला एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए बीजेपी सरकार पर आरोप लगाए और सवाल उठाए। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, ''प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री गुजराती भाई बहनों की जिंदगी की कीमत 2 लाख रुपये लगाकर अपनी जिम्मेवारी से पल्ला नहीं झाड़ सकते। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और मोरबी विधायक और मंत्री को बताना होगा जब ये पुल 26 अक्टूबर को ही मरम्मत के बाद खोला गया तो पुल कैसे गिर गया? क्या ये सीधे अपराधिक षड्यंत्र नहीं?’’

सुरजेवाला ने कहा, ''भाजपा सरकार ने ‘फिटनेस सर्टिफिकेट’ के बगैर पुल को जनता के इस्तेमाल के लिए खोलने की इजाजत कैसे दी? क्या ये चुनाव आचार संहिता लगने से पहले आनन फानन में वोट बटोरने के लिए किया गया? पुल की मरम्मत का काम कंपनी/ट्रस्ट को कैसे दिया गया? क्या उनका बीजेपी से कनेक्शन है? क्या गुजरात के भाई-बहनों की कीमत केवल 2 लाख रुपये है? क्या एक आईएएस बीजेपी सरकार में रसूकदार पदों पर बैठे लोगों की आपराधिक भूमिका की जांच कर सकता है? सीएम भुपेंद्र पटेल और स्थानीय मंत्री स्वयं हादसे की जुम्मेवारी कब लेंगे?''

वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि वो हादसे पर किसी तरह की राजनीति नहीं करना चाहते हैं। हालांकि, उन्होंने मामले की जांच रिटायर्ड जज से कराने की मांग की है। खड़गे ने कहा, 'हम कांग्रेस पार्टी और अपनी ओर से मृतक के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। साथ ही जो भी लोग इस ब्रिज को बनाने में शामिल थे इसकी जांच की जानी चाहिए।' खड़गे ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में हादसे की जांच कराई जानी चाहिए।

खरगे ने सवाल किया कि इस ब्रिज को ठीक करने के बाद इसका उद्घाटन हुआ और मरम्मत के बाद ही ब्रिज गिर गया, इसके पीछे क्या कारण है? इसकी जांच होनी चाहिए। साथ ही इतने लोगों के एक साथ एक समय में ब्रिज पर उपस्थिति का कारण क्या था इसका भी पता लगाया जाना चाहिए। पीड़ितों को मुआवजा समेत सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि मृतकों के परिवार को जल्द सरकार की ओर से राहत मिलना चाहिए। घायलों को राहत दी जानी चाहिए। कांग्रेस पार्टी के कई नेता घटनास्थल पर पहुंचे और अशोक गहलोत भी घटनास्थल पर पहुंचे रहे हैं। हम अभी इस पर किसी तरह की राजनीति नहीं करना चाहते हैं।

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