कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी के तहत शुक्रवार को आरक्षित सीटों के लिए 50 समन्वयक नियुक्त किए। पिछले लोकसभा चुनावों में एससी और एसटी सीटों पर मिली हार ने कांग्रेस को चिंतित कर दिया है और उसे लगता है कि आरक्षित सीटों पर नहीं जीतना ही, उसके खराब चुनावी प्रदर्शन का मुख्य कारण है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा, "पार्टी ने तत्काल प्रभाव से एससी/एसटी आरक्षित संसदीय क्षेत्रों के लिए नेतृत्व विकास मिशन संसद समन्वयकों की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।"
जिन आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों के लिए समन्वयक नियुक्त किए गए हैं उनमें बिहार में समस्तीपुर और सासाराम; छत्तीसगढ़ में सरगुजा, रायगढ़ और कांकेर; गुजरात में कच्छ, दाहोद, अहमदाबाद पश्चिम और छोटा उदयपुर; हरियाणा में सिरसा; उत्तराखंड में अल्मोड़ा; हिमाचल प्रदेश में शिमला; और पंजाब में होशियारपुर शामिल हैं।
कर्नाटक के रायचूर, बेल्लारी और चित्रदुर्ग और मध्य प्रदेश के मंडला, रतलाम और धार में भी समन्वयक नियुक्त किए गए हैं। इसी साल दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। महाराष्ट्र में जिन आरक्षित सीटों के लिए समन्वयक नियुक्त किए गए हैं उनमें शिरडी, गढ़चिरौली-चिमूर, लातूर और सोलापुर शामिल हैं।
राजस्थान में भी इस साल चुनाव होने हैं और राज्य में गंगानगर, बीकानेर, भरतपुर, दौसा, उदयपुर और बांसवाड़ा के लिए समन्वयक नियुक्त किए गए हैं। तेलंगाना और त्रिपुरा पूर्व में वारंगल के लिए समन्वयक भी रखे गए हैं।
देश की सबसे पुरानी पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में हारे 121 में से 56 आरक्षित संसदीय क्षेत्रों को अगले आम चुनाव में ध्यान केंद्रित करने के लिए शॉर्टलिस्ट किया है। कांग्रेस पार्टी ने समन्वयकों के लिए ‘नेतृत्व विकास मिशन’ प्रशिक्षण शुरू कर दिया है।