कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक किसान महासभा में शामिल हुईं। उन्होंने सोमवार को किसानों के प्रति अपना समर्थन दोहराया और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने जो लोग गन्ने की लागत का भुगतान नहीं कर सकते, वे इंसान की कीमत क्या समझेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के पास यात्रा करने के लिए पैसे हैं, लेकिन किसानों के लिए नहीं। ये कृषि कानून पूंजीपतियों को उनके खजाने भरने में सक्षम बनाएंगे।
प्रियंका गांधी ने कहा, "मोदी राज में कमाई दोगुनी हुई क्या? क्या गन्ने का दाम बढ़ाया गया? देश के गन्ना किसानों का 15,000 करोड़ रुपये बकाया है। पीएम ने 16,000 करोड़ रुपये की कीमत के दो हवाई जहाज़ खरीदे। 20,000 करोड़ रुपये का नया संसद भवन बनाया जा रहा है, लेकिन इस देश के किसान को 15,000 करोड़ नहीं दे सकते।"
कृषि कानूनों पर उन्होंने कहा, "पहला कानून- जमाखोरी की अनुमति दी। उद्योगपति कितना भी सामान खरीद और जमा कर सकते हैं। दूसरा कानून- खरबपतियों की बड़ी मंडियां खुलेंगी। प्राइवेट मंडी में टैक्स नहीं लिया जाएगा। इससे किसान प्राइवेट मंडी में जाएंगे। सरकारी मंडी में एमएसपी मिलता था। बाद में वो भी बंद हो जाएगा। तीसरा क़ानून- ठेके पर किसानी, खरबपति के कहने पर उगाएंगे, बाद में वो कह देगा कि ज़रूरत नहीं, फिर मनमर्ज़ी से खरीदेगा और किसान अदालत में भी नहीं जा पाएंगे।"
प्रियंका गांधी ने कहा कि पूंजी पति मित्र को पूरा देश सौंप दिया गया है। अगर अभी भी उम्मीद है तो समझ लीजिए कि ये कुछ नहीं करने वाले हैं। उन्होंने कहा, "अमेरिका, चीन , पाकिस्तान जा सकते हैं, दुनिया भर के देशों में जा सकते हैं पर घर से 2-3 किलो मीटर दूर किसानों से मिलने नहीं गए। संसद में किसानों का मज़ाक उड़ाया, आंदोलनजीवी और परजीवी कहा।