किसान आंदोलन के बीच कई राज्यों में नगर निकाय चुनाव हुए हैं। हरियाणा, राजस्थान के बाद अब पंजाब में भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पंजाब नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस को बड़ी जीत मिली है। सात नगर निकाय में से छह में कांग्रेस को जीत मिली है। यानी पूरे तौर से बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया है। इसके साथ ही शिरोमणि अकाली दल को भी बड़ा नुकसान हुआ है। बठिंडा में शिरोमणि अकाली दल का कब्जा था, जो अब कांग्रेस के पाले में चला गया है।
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कांग्रेस ने करीब 53 साल बाद बठिंडा में जीत दर्ज की है। ये लगभग 53 साल बाद हुआ है, जब बठिंडा में कांग्रेस पार्टी का मेयर बनेगा। इससे पहले बठिंडा नगर निगम में शिरोमणि अकाली दल का कब्जा था। गौरतलब है कि इस बार के नगर निकाय चुनाव किसान आंदोलन की छाया में हो रहे हैं। केंद्र द्वारा पारित किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब से ही आंदोलन की शुरुआत हुई थी। यहां पर शिरोमणि अकाली दल और भाजपा का भी जमकर विरोध किया गया था।
आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय निकाय चुनाव में कांग्रेस ने अब तक 1,815 वार्डों (नगरपालिका परिषदों) में से 1,199 और 350 नगर निगम सीटों में से 281 सीटें जीत ली हैं। वहीं, शिरोमणी अकाली दल ने 289 और 33 सीटें जीत ली है। बीजेपी ने नगरपालिका परिषदों की 38 और नगर निगम की 20 सीटें जीती है। आम आदमी पार्ट ने 57 और 9 सीटों पर जीत हासिल की है।
वही, शिरोमणि अकाली दल की हार को लेकर नेता हरसिमरत कौर बादल ने कांग्रेस और अफसरों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा, हमारे वर्कर्स ने, उम्मीदवारों ने कांग्रेस की जोर ज़बरदस्ती का ज़बरदस्त मुकाबला किया। कांग्रेस पार्टी के साथ उन अफसरों को सचेत होने की जरूरत है, जिनका सहारा लेकर कांग्रेस ने ये ज़बरदस्ती की है।