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पंजाब कांग्रेस में सस्पेंस बरकरार, अब इस दिग्गज नेता ने खड़ी की दिक्कतें, क्या सुलझा पाएंगे प्रियंका-राहुल?

पंजाब की राजनीति में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने के बाद भी...
पंजाब कांग्रेस में सस्पेंस बरकरार, अब इस दिग्गज नेता ने खड़ी की दिक्कतें, क्या सुलझा पाएंगे प्रियंका-राहुल?

पंजाब की राजनीति में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने के बाद भी पंजाब कांग्रेस को लेकर सस्पेंस जस का तस दिख रहा है। अब नाराज चल रहे पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बुधवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की। इतना ही नहीं जाखड़ राहुल-प्रियंका के साथ ही विमान से दिल्ली भी आए हैं। पंजाब में सियासी घटनाक्रम पर अपनी नाराजगी जाहिर करने वाले जाखड़ के अचानक राहुल और प्रियंका से मिलने के बाद एक बार फिर अटकलें तेज हो गई हैं। 

बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद भावी मुख्यमंत्रियों की लिस्ट में जाखड़ सबसे आगे चल रहे थे। हालांकि चरणजीत सिंह चन्नी ने इस रेस में बाजी मार ली। इसके बाद सुनील जाखड़ ने खुलकर नाराजगी जाहिर की थी। नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने से पहले सुनील जाखड़ ही यह पद संभाल रहे थे।

सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी और प्रियंका गांधी शिमला से लौटे थे और दोनों बुधवार शाम को चंडीगढ़ से दिल्ली जाने के लिए एक विमान में सवार हुए। जाखड़ भी इस यात्रा में उनके साथ थे। कहा जा रहा है कि जाखड़ को शांत कराने के लिए दिल्ली लाया गया है ताकि उनकी बयानबाजी से पार्टी को घाटा न हो। इसके साथ ही उन्हें जल्दी ही उन्हें कोई नई जिम्मेदारी दी जा सकती है। पार्टी के चुनावी अभियान समिति के अध्यक्ष के तौर पर जाखड़ के नाम पर पहले से ही विचार किया जा रहा है। 


खबरों के अनुसार, सुनील जाखड़ को चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार में उप मुख्यमंत्री बनने का भी प्रस्ताव मिला था मगर उन्होंने इसे ठुकरा दिया। जाखड़ ने सोमवार को पार्टी की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी पर भी इशारों में निशाना साधा। दरअसल, अंबिका सोनी ने बयान दिया था कि पंजाब का मुख्यमंत्री कोई सिख नेता ही होना चाहिए। इससे पहले जाखड़ ने हरीश रावत के उस बयान की भी आलोचना की थी जिसमें उन्होंने कथित तौर पर यह कहा था कि पंजाब में आगामी चुनाव नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।  हालांकि, बाद में कांग्रेस पार्टी ने स्वयं इस बयान पर सफाई दी थी और कहा था पंजाब में अगला चुनाव चन्नी और सिद्धू दोनों की अगुवाई में लड़ा जाएगा।

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