राफेल डील और भगोड़े बैंक डिफॉल्टर के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस में जुबानी जंग जारी है। इस बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने ब्लॉग द्वारा एक बार फिर आरोप लगाया है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी झूठ ‘गढ़’ रहे हैं। उन्होंने कहा कि संसद में नीरव मोदी से मिलने और देश छोड़कर भागने में उसकी मदद करने की बात तो छोड़िए, उन्होंने भगोड़ा हीरा कारोबारी को कभी व्यक्तिगत तौर पर देखा तक नहीं है।
'देश को वित्त मंत्री चाहिए न कि बकबक ब्लॉगर'
वित्त मंत्री अरुण जेटली के इसी ब्लॉग के जवाब में कांग्रेस ने तीखा हमला बोला है। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने जेटली को उन्हीं की भाषा का इस्तेमाल करते हुए उनके ब्लॉग को मसखरी करने वाले दरबारी की हताशा करार दिया। कांग्रेस ने कहा कि देश को वित्त मंत्री चाहिए न कि बकबक ब्लॉगर।
'अरुण जेटली जी हर दिन और नीचे गिरते जा रहे हैं’
सुरजेवाला ने कहा, ‘सल्तनत में खुद को एक प्रासंगिक दरबारी मसखरा बनाए रखने की हताशा में अरुण जेटली जी हर दिन और नीचे गिरते जा रहे हैं’। सुरजेवाला ने कहा कि ‘जेट लाई’ के फर्जी तरकश में सिर्फ गालियों, तमाशा और कपट के अलावा कुछ नहीं है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि विपक्षी दलों को बुरा-भला कहने की आड़ में वित्त मंत्री राजनीतिक रूप से प्रासंगिक मुद्दों पर जवाब क्यों नहीं देते। उन्होंने वित्त मंत्री से राफेल घोटाले को लेकर 10 सवाल पूछे-
- राफेल में भ्रष्टाचार के मकड़जाल में फंसने के बाद गालियों का सहारा क्यों?
- एचएएल को किनारे कर आखिर ₹30,000 करोड़ का कांट्रेक्ट अपने नजदीकियों को क्यों दिया?
- दसॉल्ट एविएशन और एचएएल के बीच हुए वर्कशेयर एग्रीमेंट को साबित करने वाली फाइलों को सार्वजनिक करने का साहस क्यों नहीं दिखा पा रहे, जबकि एचएएल प्रमुख ने तो इसकी चुनौती भी दी है?
- सिर्फ 12 दिन पुरानी कंपनी को ₹30,000 करोड़ का ऑफसेट कांट्रेक्ट क्यों दिया गया?
- इसी कंपनी को ₹100,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त लाइफ साइकिल कांट्रेक्ट दिया गया?
- ₹526 करोड़ वाला राफेल ₹1670 करोड़ में क्यों खरीदा जा रहा है, जिससे ₹ 41,205 करोड़ का नुकसान हो रहा है?
- राफेल विमानों की संख्या 126 से घटाकर सिर्फ 36 कर देश की सुरक्षा से खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है?
- डिफेंस प्रोक्यूरमेंट प्रोसीजर यानी रक्षा उपकरण खरीद प्रक्रिया का उल्लंघन क्यों किया जा रहा है?
- इस सौदे के ऐलान से पहले सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की मंजूरी क्यों नहीं ली गई?
- आपने इस सौदे में तकनीक हस्तांतरण यानी टेक्नालॉजी ट्रांसफर को क्यों त्याग दिया?
सुरजेवाला ने कहा, ‘हमें पता है कि इन 10 सवालों पर आपका जवाब शून्य होगा, ऐसे में आपके पास गालियों के अलावा और कोई बचाव नहीं है’।
Shri Arun Jaitley’s desperation to stay relevant as a ‘Court Jester’ to ‘Modi Sultanate’ is making him stoop to a new level every day.
Instead of hiding behind the cloak of expletives for the opposition, let FM coherently answer politically relevant issues:- pic.twitter.com/9RxjX1J5DZ
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) October 16, 2018
जानें जेटली ने अपने ब्लॉग में क्या लिखा-
कांग्रेस अध्यक्ष को ‘मसखरा शहजादा’ करार देते हुए जेटली ने एक फेसबुक ब्लॉग में कहा कि क्या गांधी को कोई व्यक्तित्व संबंधी दिक्कत है जहां ‘‘वह दर्जनों बार झूठ बोलते हैं और फिर स्व-विभ्रम में उसे सच मानते हैं या यह किसी ‘मसखरे शहजादे’ का मामला है जिसने मसखरेपन में खुद को ही मात दे दी?’’