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राफेल मामला: जहां भ्रष्टाचार का पैसा दिया गया वहां जांच शुरू, पर जिसने दिया वहां नहीं हो रही- दिग्विजय सिंह

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है, राफेल मामले पर फ्रांस ने जांच...
राफेल मामला: जहां भ्रष्टाचार का पैसा दिया गया वहां जांच शुरू, पर जिसने दिया वहां नहीं हो रही- दिग्विजय सिंह

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है, राफेल मामले पर फ्रांस ने जांच शुरू कर दी है जहां भ्रष्टाचार का पैसा दिया गया वहां जांच शुरू हो गई लेकिन जिसने पैसा लिया वहां जांच नहीं हो रही है। आप समझ सकते हैं कि इसमें मोदी जी का कितना हिस्सा है। दरअसल, राफेल बनाने वाले देश फ्रांस में इसके खिलाफ जांच शुरू हो गई है, जो एक जज की अगुवाई में की जा रही है। मोदी सरकार राफेल की डील के बाद कई सवालों के घेरे में है और लगातार विपक्षी दलों सरीखे कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी हमलावर हैं। राहुल गांधी ने जेपीसी जांच की मांग की है। बीते दिनों गांधी ने मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा था कि केंद्र  राफेल मामले में जांच करने के लिए क्यों तैयार नहीं है। "चोर की दाढी में तिनका"

राफेल लड़ाकू विमान सौदे में कथित धांधली की जांच की आंच फ्रांस के बड़े नेताओं तक पहुंच गई है। इस मामले की जांच कर रहे जज फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद समेत कई नेताओं से पूछताछ कर सकते हैं। यहीं नहीं वर्तमान फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन से भी सवाल-जवाब किए जा सकते हैं। मैक्रॉन सौदे के वक्त वित्त मंत्री थे और ओलांद राष्ट्रपति थे। दूसरी ओर भारत में भी इसे लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं। कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।

बता दें, फ्रेंच एनजीओ शेरपा ने साल 2018 में शिकायत दर्ज कराई थी मगर तब फ्रांस की पब्लिक प्रॉसिक्यूशन सर्विस (पीएनएफ) ने इसे खारिज कर दिया था। जबकि, दसॉल्ट एविएशन की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। इससे पहले कंपनी की ओर से इस बात को लेकर इनकार किया गया था कि भारत और फ्रांस के बीच हुए राफेल सौदे में कोई धांधली नहीं हुई है।

फ्रांस की पब्लिक प्रॉसिक्यूशन सर्विस (पीएनएफ) ने 2019 में राफेल में कथित धांधली की औपचारिक जांच से इनकार कर दिया था। उस दौरान इसके प्रमुख एलियान हाउलेट ने अपने एक कर्मचारी की सलाह के विरुद्ध जा कर पूरे मामले में बगैर कोई जांच किए मामला खारिज कर दिया था। मगर अब पीएनएफ ने अपना रुख बदलते हुए पूरे मामले की जांच कराने का निर्णय लिया है।

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