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राहुल गांधी ने भाजपा पर लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने का लगाया आरोप; 100 मिनट की स्पीच से कई हिस्से गायब

सोमवार को संसद सत्र के छठे दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में 13 घंटे तक चर्चा हुई। सुबह 11 बजे से...
राहुल गांधी ने भाजपा पर लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने का लगाया आरोप; 100 मिनट की स्पीच से कई हिस्से गायब

सोमवार को संसद सत्र के छठे दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में 13 घंटे तक चर्चा हुई। सुबह 11 बजे से शुरू हुई कार्यवाही मध्यरात्रि 12 बजे तक चली। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार और भाजपा को कई मुद्दों पर घेरा। उन्होंने हिंदू, अग्निवीर, किसान, मणिपुर, नीट, बेरोजगारी, अयोध्या, गुजरात, जम्मू-कश्मीर समेत कई मुद्दों पर प्रधानमंत्री और स्पीकर की चर्चा की।

 

राहुल गांधी की करीब 100 मिनट की स्पीच पर लोकसभा स्पीकर की कैंची भी चल गई है। राहुल गांधी के बयान पर ऐसा बवाल मचा कि अमित शाह से लेकर किरेन रिजिजू ने लोकसभा स्पीकर से शिकायत कर दी, जिसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने एक्शन लिया। उन्होंने राहुल गांधी के कुछ बयानों को संसदीय कार्यवाही से हटा दिया।

दरअसल, राहुल गांधी ने एक घंटे 40 मिनट तक दिए गए अपने भाषण की शुरुआत संविधान की कॉपी दिखाकर की। भाषण के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर तू-तू, मैं-मैं हुई। राहुल ने अग्निवीर, पीएम मोदी के परमात्मा से डायरेक्ट कनेक्शन और किसानों के एमएसपी कानून की बात कही। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को लोकसभा में भाजपा पर जोरदार हमला किया और सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं पर सांप्रदायिक आधार पर लोगों को बांटने का आरोप लगाया। इस पर सत्ता पक्ष की ओर से भारी विरोध प्रदर्शन किया गया। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस नेता पर पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक कहने के लिए हमला बोला। पीएम मोदी ने दो बार तो वहीं पांच कैबिनेट मंत्रियों ने गांधी के भाषण के दौरान खड़े होकर टोका। गृह मंत्री अमित शाह ने उनसे माफी मांगने को कहा।

लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में अपने पहले भाषण में गांधी ने कहा, "केवल एक धर्म ही साहस की बात नहीं करता। वास्तव में, हमारे सभी धर्म साहस की बात करते हैं।" संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान गांधी ने पैगंबर मुहम्मद को उद्धृत करते हुए यह भी कहा कि कुरान निर्भयता की बात करता है। भगवान शिव, गुरु नानक और ईसा मसीह की तस्वीरें दिखाते हुए उन्होंने निर्भयता के महत्व को रेखांकित करने के लिए हिंदू धर्म, इस्लाम, सिख धर्म, ईसाई धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म का उल्लेख किया। उन्होंने भगवान शिव के गुणों और गुरु नानक, ईसा मसीह, बुद्ध और महावीर की शिक्षाओं का हवाला देते हुए कहा कि देश के सभी धर्मों और महान लोगों ने कहा है कि "डरो मत, डराओ मत"। "शिवजी कहते हैं कि डरो मत, डराओ मत... अहिंसा की बात करते हैं..."।

जब सत्ता पक्ष के सदस्य विरोध में खड़े हुए, तो गांधी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, "आप हिंदू हो ही नहीं। हिंदू धर्म में स्पष्ट रूप से लिखा है कि व्यक्ति को सत्य के साथ खड़ा होना चाहिए और सत्य से पीछे नहीं हटना चाहिए या उससे डरना नहीं चाहिए।"

इस बीच मोदी ने उनके भाषण में हस्तक्षेप करते हुए कहा, "यह मुद्दा बहुत गंभीर है। पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक कहना एक गंभीर मुद्दा है।" शाह ने कांग्रेस नेता से सदन और देश से माफी मांगने की मांग की, क्योंकि उन्होंने खुद को हिंदू मानने वाले करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि विपक्ष द्वारा मचाया गया हंगामा इस तथ्य को नहीं दबा सकता कि गांधी ने सदन में कुछ टिप्पणियां की थीं। शाह ने गांधी पर पलटवार करते हुए आपातकाल और 1984 के सिख विरोधी दंगों का जिक्र किया और कहा कि जब कांग्रेस ने देश में "वैचारिक आतंक" फैलाया था, तो उन्हें अहिंसा की बात करने का कोई अधिकार नहीं है। मंत्रियों द्वारा उनका अभिवादन न करने के आरोप पर गांधी पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र और संविधान ने उन्हें विपक्ष के नेता को गंभीरता से लेना सिखाया है।

गांधी ने भाजपा पर संविधान और भारत की मूल अवधारणा पर "सुनियोजित हमले" करने का आरोप लगाया और कहा कि लाखों लोगों ने सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा प्रस्तावित विचारों का विरोध किया है। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी और सरकार के आदेश पर मुझ पर हमला किया गया। मेरे खिलाफ 20 से अधिक मामले दर्ज थे, दो साल की जेल की सजा हुई, मेरा घर छीन लिया गया, ईडी ने मुझसे 55 घंटे तक पूछताछ की।" जब गांधी ने भगवान शिव की तस्वीर दिखाई, तो स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें याद दिलाया कि नियम सदन में तख्तियां दिखाने की अनुमति नहीं देते हैं। गांधी ने अल्पकालिक सैन्य भर्ती के लिए अग्निपथ योजना की भी आलोचना की और कहा कि सरकार उन्हें "शहीद" का दर्जा भी नहीं देती है और अगर वे कार्रवाई में मारे जाते हैं तो उनके परिवारों को कोई मुआवजा नहीं दिया जाता है। गांधी के आरोप का खंडन करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हस्तक्षेप किया।

कांग्रेस नेता ने मणिपुर की स्थिति को लेकर भी केंद्र पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि इसने पूर्वोत्तर राज्य को गृहयुद्ध में धकेल दिया है। उन्होंने किसानों के मुद्दों पर सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वह फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी नहीं देना चाहती। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गांधी की टिप्पणी पर आपत्ति जताई और उन पर सदन को "गुमराह" करने का आरोप लगाया। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और भूपेंद्र यादव ने भी गांधी के भाषण के विभिन्न बिंदुओं पर हस्तक्षेप किया। बाद में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रिजिजू और भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी के साथ गांधी के आरोपों का खंडन करने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET से जुड़े विवाद का जिक्र करते हुए गांधी ने कहा कि छात्र इस परीक्षा में विश्वास नहीं करते क्योंकि उन्हें लगता है कि यह अमीर लोगों के लिए है और इसमें मेधावी छात्रों के लिए कोई जगह नहीं है। विपक्ष के नेता के रूप में अपनी नई भूमिका के बारे में बात करते हुए गांधी ने कहा कि उनका काम सभी दलों का समान रूप से प्यार और स्नेह के साथ प्रतिनिधित्व करना है। उन्होंने कहा, "इसलिए जब हेमंत सोरेन या (अरविंद) केजरीवाल जेल जाते हैं, तो मुझे चिंतित होना चाहिए। जब आप उन पर प्रवर्तन एजेंसियों को तैनात करते हैं, तो हमें उनका बचाव करना चाहिए। जब आप एक संवैधानिक व्यक्ति होते हैं, तो आपकी व्यक्तिगत आकांक्षाओं को पीछे रखना चाहिए।" अपने समापन भाषण में गांधी ने सत्तारूढ़ दल से डर या नफरत न फैलाने को कहा। "विपक्ष को अपना दुश्मन मत समझिए... आप जो भी चाहें हम उस पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। आइए हम मिलकर काम करें।"

 

लोकसभा में सुबह 11 बजे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का भाषण भी होगा। माना जा रहा है कि अखिलेश भी सरकार पर हमलावर रहेंगे और तमाम मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे।

इससे पहले समाजवादी पार्टी के प्रमुख और सांसद अखिलेश यादव ने कल लोकसभा में राहुल गांधी के भाषण और उनकी 'हिंदू' टिप्पणी पर कहा, "अग्निवीर(योजना), ओपीएस और किसानों के मुद्दे कायम हैं। सरकार भले ही नई हो, लेकिन मुद्दे पुराने हैं... यह भाजपा की रणनीति है।"

 

बता दें कि लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार यानी 2 जुलाई को शाम 4 बजे सदन में इस पर जवाब देंगे। लोकसभा में सुबह 11 बजे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का भाषण भी होगा। माना जा रहा है कि अखिलेश भी सरकार पर हमलावर रहेंगे और तमाम मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे।

 

 

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