जमायत उलेमा के मुखिया मौलाना अरशद मदनी द्वारा आयोजित ईद मिलन कार्यक्रम में राहुल ने कहा, ”देश में लोगों को बांटना बड़ा आसान है, लेकिन उन्हें एक करना बहुत मुश्किल।” कार्यक्रम में आरएलडी के अजीत सिंह, जेडीयू के शरद यादव, सीपीआई एम के सीताराम येचुरी, सीपीआई के अतुल कुमार अंजान, सपा के अशोक मलिक और आप के संजय सिंह मौजूद रहे। इसके अलावा कई मुस्लिम संगठन भी समारोह में शामिल हुए। बैठक में कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद के अलावा उत्तर प्रदेश के ही करीब दर्जन भर नेता भी मौजूद रहे।
राहुल गांधी ने कहा कि सेक्युलर वोटों के बिखराव ने भाजपा को राजनीतिक रूप से फायदा पहुंचाया है। उन्होंने कहा, ”अगर हमें सांप्रदायिक ताकतों को हराना है, तो हमें एक होना होगा।” वहीं जमायत उलेमा-ए-हिंद के मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि उनकी पार्टी कभी भी ‘सांप्रदायिक और फासीवादों ताकतों’ को देश का सेक्युलर चरित्र बदलने नहीं देगी।
शरद यादव ने कहा कि सेक्युलर भारत में बहुमत में हैं। उन्होंने कहा, ‘लेकिन यह देखा गया है कि सेक्युलर वोट बंट जाते हैं, जिससे भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को फायदा होता है। हमें बढ़ती सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए एक विस्तृत मंच देने की जरूरत है।