राहुल ने कहा रोहित भविष्य के बारे में बात करता था लेकिन आरएसएस को यह पसंद नहीं आया। आरएसएस केवल गुजरे जमाने की बात ही करता है। आरएसएस केवल अपनी बातें थोपने में लगा है। उन्होने कहा कि जब मैं हैदराबाद गया था तो मुझे बताया गया कि विश्वविद्यालयों में भेदभाव को खत्म करने के लिए कानून बनाया जाए। हम चाहते हैं कि एेसा कानून लाया जाए जिससे कॉलेज और यूनिवर्सिटी में छात्रों की बातें दबाई ना जा सकें। यह सरकार विरोधियों की बातें दबाना चाहती है।
राहुल ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाना चाहिए कि काॅलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्रों को भेदभाव का सामना नहीं करना पड़े और उनकी आवाज नहीं दबाई जाए। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण में रोहित की मौत और विभिन्न विश्वविद्यालयों में छात्रों को हो रही कठिनाइयों का जिक्र नहीं करने के लिए भी सरकार की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाए कि सरकार न केवल युवकों को बल्कि आदिवासियों, दलितों और अन्य कमजोर तबके को दबाने का प्रयास कर रही है।