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सिंधिया पर मल्लिकार्जुन खड़गे का पलटवार, कहा- समझना चाहिए, कौन किस पर दबाव डाल रहा है?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सांसदी जाने पर विरोध प्रदर्शन को लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य...
सिंधिया पर मल्लिकार्जुन खड़गे का पलटवार, कहा- समझना चाहिए, कौन किस पर दबाव डाल रहा है?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सांसदी जाने पर विरोध प्रदर्शन को लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जमकर हमला बोला। उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि वो न्यायपालिका पर दबाव बना रही है। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सिंधिया को जवाब दिया है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी कभी किसी पर दबाव नहीं डालती है। मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि एक व्यक्ति (राहुल गांधी) जो सच कहता है कि उसकी संसद सदस्यता रद्द कर दी जाती है, वहीं एक व्यक्ति जिसे तीन साल की सजा मिलती है उसकी सांसदी नहीं जाती है। उन्हें (सिंधिया) समझना चाहिए कि कौन किस पर दबाव डाल रहा है।

इससे पहले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा कि पिछले कई दिनों से राहुल गांधी और उनकी पार्टी कांग्रेस ने कोर्ट पर दबाव बनाने का कार्य किया है। वो व्यक्तिगत लड़ाई को कानूनी लड़ाई बता रहे हैं, ये ठीक नहीं है। राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी सिर्फ स्वार्थ की लड़ाई लड़ रही है। सिंधिया ने कहा कि पिछले 10 सालों में कई लोगों की संसद सदस्यता गई है, लेकिन इस बार जितना हंगामा कभी नहीं बरपा। कांग्रेस संसद को चलने नहीं दे रही है। उनके सांसद सदन में काले कपड़े पहनकर आ रहे हैं।

सिंधिया ने आगे कहा कि राहुल गांधी को विशेष साक्षात्कार दिया जा रहा है। जो व्यक्ति जमानत लेने के लिए जाता है क्या वो कभी नेताओं की पूरी फौज लेकर जाता है? पिछले कुछ दिनों से राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की जो गतिविधियां रही हैं उससे साफ पता चलता है कि वो न्यायपालिका पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल धमकी के लहजे में अपनी कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।

आरोपों के जवाब में बोलते हुए कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ज्योतिरादित्य जी हमें खुद समझा दीजिए कि हमारी मांग क्यों गलत है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी आज लोकतंत्र से खिलवाड़ कर रही है। वे लोकतंत्र की नहीं स्वार्थ की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने इस लड़ाई में सबसे निचले स्तर पर जाने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। ये अदालत पर दबाव बनाने की कोशिश नहीं है तो क्या है? सांसदी जाने के विरोध में उनके कार्यकर्ताओं ने पूरे देश में शहर-शहर में ट्रेनें रोकी, क्या यही गांधी जी के सिद्धांत हैं।

 

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