लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी के निलंबन को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस ने राहुल गांधी के नेतृत्व में संसद के बाहर प्रदर्शन किया। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्षी गठबंधन INDIA के कई घटक दलों के नेताओं ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया। इस दौरान वे "लोकतंत्र बचाओ" की तख्तियां पकड़े दिखे।
बता दें कि विपक्षी सांसद, संसद परिसर में मार्च करते हुए बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा तक पहुंचे और वहां प्रदर्शन किया। विपक्ष के सांसदों ने 'लोकतंत्र की हत्या बंद करो' के नारे लगाए। कई सदस्यों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं, जिन पर ‘सेव डेमोक्रेसी’ (लोकतंत्र बचाओ) लिखा हुआ था।
इस मौके पर खड़गे ने आरोप लगाया, "संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, भाजपा सरकार और खासकर प्रधानमंत्री मोदी, संविधान के तहत सदन नहीं चलने देना चाहते। नियमों को अलग रखकर हर सदस्य को धमकी दे रहे हैं। सदस्यों को निलंबित करके विशेषाधिकार समिति के पास भेजा जा रहा है ताकि सदस्य कार्य मंत्रणा समिति में भी शामिल न हों।"
पार्टी अध्यक्ष खड़गे ने यह दावा किया कि चौधरी को लोक लेखा समिति से दूर करने के लिए उन्हें निलंबित किया गया ताकि वह सरकार की कमियां को न बता पाएं। विदित हो कि चौधरी लोक लेखा समिति के अध्यक्ष हैं। कांग्रेस प्रमुख ने कहा, "ये लोग लोकतंत्र को दबाना चाहते हैं, संविधान के तहत नहीं चलना चाहते। सरकार के गैरकानूनी कदम के खिलाफ हम लड़ते रहेंगे।"
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी हैरानी जताते हुए कहा कि प्रमुख विपक्षी दल के प्रमुख नेता को सदन में भाग लेने के अधिकार से वंचित करना "बेहद अलोकतांत्रिक" था। थरूर ने संसद के बाहर पीटीआई से कहा, ''वह उस समिति की अध्यक्षता नहीं कर पाएंगे जिसके वह अध्यक्ष हैं, हमारा मानना है कि यह पूरी तरह से गलत और अनुचित है और हम मांग करते हैं कि इसे रद्द किया जाए।''
उन्होंने कहा, "यह बिल्कुल उचित नहीं है क्योंकि इसका मतलब है कि वह अनिश्चित काल तक संसद में अपना कोई भी काम नहीं कर सकते, यह उचित नहीं होगा।" निलंबन के बारे में पूछे जाने पर मनीष तिवारी ने कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, यह सुप्रीम कोर्ट में जाने के लिए उपयुक्त मामला है।" लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मनिकम टैगोर ने निलंबन के मुद्दे पर चर्चा के लिए सदन में कार्य स्थगन का प्रस्ताव लाने के लिए अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है।
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर की गई कुछ टिप्पणियों और उनके आचरण को लेकर बृहस्पतिवार को उन्हें सदन से निलंबित कर दिया गया और उनके खिलाफ इस मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया गया।
कांग्रेस नेता चौधरी के निलंबन के खिलाफ भारतीय गठबंधन के विपक्षी दलों ने शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया। दरअसल, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इससे जुड़ा एक प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। इससे पहले, कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर चुके थे।
प्रस्ताव के अनुसार, विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक कांग्रेस नेता चौधरी सदन की कार्यवाही से निलंबित रहेंगे। चौधरी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री का अपमान नहीं किया, बल्कि उदाहरण के तौर पर कुछ शब्दों का इस्तेमाल किया था।