हाल में राजद में शामिल हुए शरद यादव से शुक्रवार को उनके निवास पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मुलाकात की। राहुल गांधी ने कहा कि पिछले 2-3 सालों में मीडिया, संस्थाओं, बीजेपी नेताओं, आरएसएस ने सच छुपाया है लेकिन धीरे-धीरे सच सामने आएगा। श्रीलंका में यही हो रहा है। वहीं सच्चाई सामने आई। भारत में सच सामने आएगा। वहीं इस मौके पर शरद यादव ने कहा कि राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए, तभी कुछ बड़ा हो सकेगा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि आप भारत की आर्थिक स्थिति और नौकरी की स्थिति की कल्पना नहीं कर सकते। आपने अपने जीवन में कभी नहीं देखा होगा। ये क्या हो रहा है। इस देश के रोजगार ढांचे की रीढ़ की हड्डी टूट चुकी है। लघु और मध्यम व्यवसाय, छोटे दुकानदार, अनौपचारिक क्षेत्र हमारी रीढ़ हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि अर्थशास्त्री और नौकरशाह दूसरे देशों को देखकर अपनी योजनाएं बनाते हैं। पीएम कहते हैं हमें उनके जैसा बनना है। ऐसा नहीं किया जा सकता। सबसे पहले, हमें यह महसूस करना होगा कि हम कौन हैं और यहां क्या हो रहा है। उन्होंने कमर तोड़ दी है, अगले 3-4 साल में भयानक परिणाम आएंगे।
राहुल गांधी ने कहा, 'मैं शरद यादव के इस बयान से सहमत हूं कि देश में बुरे हाल हैं। नफरत फैलाई जा रही है और देश को बांटा जा रहा है। हमें देश को एकजुट करना है और भाईचारे के रास्ते पर चलना है, जो कि देश के इतिहास का हिस्सा रहा है।
शरद यादव ने कहा कि यदि कोई कांग्रेस को 24 घंटे चला रहा है तो वह राहुल हैं। मैं सोचता हूं कि उन्हें पार्टी अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए। उसके बाद ही कुछ बड़ा किया जा सकेगा। अध्यक्ष पद को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि हम इस पर विचार करेंगे।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि रूस ने यूक्रेन पर अटैक किया है और उसके कुछ इलाकों पर अपना दावा किया है, वैसा ही भारत के खिलाफ चीन भी कर सकता है। कांग्रेस नेता ने कहा, 'रूस का कहना है कि वह यूक्रेन की संप्रभुता को स्वीकार नहीं करता है। वह यूक्रेन के डोनेत्सक और लुहान्सक क्षेत्रों को उसका हिस्सा ही नहीं मानता है। इसी आधार पर रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया। आखिर उसका उद्देश्य क्या है। वह यूक्रेन, नाटो और अमेरिका के गठबंधन को तोड़ना चाहता है।'
कांग्रेस नेता ने कहा कि ठीक यही सिद्धांत चीन भारत पर लागू करना चाहता है। वह कहता है कि लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश भारत के हिस्से नहीं हैं और उसने इन इलाकों के पास अपनी सेना को तैनात कर रखा है। सरकार उसकी इन हरकतों को नजरअंदाज कर रही है। लेकिन हमारे पास रूस और यूक्रेन के तौर पर एक मॉडल है। यह यहां भी लागू हो सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार सच्चाई को स्वीकार नहीं कर रही है। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि वे सच्चाई को स्वीकार कर लें और उसके मुताबिक तैयारियां शुरू कर दें। यदि हम तैयारी नहीं करेंगे तो फिर स्थितियां बिगड़ने पर हम किसी लड़ाई के लिए सक्षम नहीं होंगे।