शून्यकाल में लोकसभा में राहुल ने अमेठी में फूड पार्क रद्द किए जाने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि राजनेताओं के पास अपने वादे ही होते हैं। सबसे जरूरी वादा प्रधानमंत्री का होता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने वादा किया है कि वह बदले की राजनीति नहीं करेंगे इसलिए अमेठी फूड पार्क को रद्द मत कीजिए। लोकसभा चुनाव के दौरान नरेन्द्र मोदी की अमेठी में हुई चुनावी रैली में दिए गए भाषण का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अमेठी में प्रधानमंत्री ने जो भाषण दिया था , उसकी एक बात मुझे अच्छी लगी थी। उन्होंने कहा था कि मैं बदले की नहीं बल्कि बदलाव की राजनीति करने आया हूं।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी द्वारा उठाए गए मुद्दे का जवाब देते हुए कहा कि इस फूड पार्क को सैद्धांतिक रूप से वर्ष 2010 में मंजूरी दी गयी थी लेकिन पिछले तीन चार सालों में क्या हुआ , वह इसमें नहीं जाएंगे और इस मामले को देखेंगे कि इसमें क्या हुआ है। उन्होंने राहुल गांधी को व्यक्तिगत रूप से इस मामले को देखने का आश्वासन दिया।
इससे पूर्व राहुल गांधी ने अपने क्षेत्र के किसानों की दयनीय हालत का जिक्र करते हुए कहा कि वह पिछले दिनों अपने निर्वाचन क्षेत्र में गए थे जहां किसानों ने उनसे सवाल किया था कि वे जो आलू बेचते हैं वह दो रूपये किलो के भाव से बिकता है लेकिन उन किसानों के बच्चे जो चिप्स का एक पैकेट खरीदते हैं वह दस रूपये का मिलता है जिसमें केवल एक आलू के चिप्स होते हैं। राहुल गांधी ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि यह क्या जादू है कि किसान से दो रूपये किलो खरीदे जाने वाले आलू का चिप्स दस रूपये में बिकता है।
उन्होंने कहा कि अमेठी में फूड पार्क बनने से आसपास के लाखों किसानों को फायदा होगा और अमेठी के लोगों के जीवन में बदलाव आएगा। राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी के सवाल के जवाब में कहा कि यह जादू उनकी सरकार ने नहीं बल्कि पिछली सरकार ने किया है। गृह मंत्री ने राहुल के आरोपों से इंकार करते हुए कहा, बदले का तो सवाल ही नहीं खड़ा होता। हम देश का विकास करना चाहते हैं। लेकिन अकेले सत्ताधारी दल एेसा नहीं कर सकता इसके लिए सबका साथ जरूरी है।