कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आशा वर्कर्स के हड़ताल पर जाने का मुद्दा उठाया है। उन्होंने शनिवार को एक ट्वीट में कहा कि 'आशा कार्यकर्ता सही मायने में हेल्थ वॉरियर्स हैं, लेकिन वे आज अपने हक के लिए हड़ताल करने पर मजबूर हैं।' कांग्रेस नेता ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि "सरकार गूंगी तो थी ही, अब शायद अंधी-बहरी भी है।"
बता दें कि देश की करीब 6 लाख आशा वर्कर्स विभिन्न मांगों को लेकर 7 अगस्त से दो दिवसीय हड़ताल पर हैं।
‘सरकार गूंगी तो थी ही, अब शायद अंधी-बहरी भी है’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "आशा कार्यकर्ता देशभर में घर-घर तक स्वास्थ्य सुरक्षा पहुंचाती हैं। वो सच मायने में स्वास्थ्य वॉरियर्स हैं लेकिन आज ख़ुद अपने हक के लिए हड़ताल करने पर मजबूर हैं। सरकार गूंगी तो थी ही, अब शायद अंधी-बहरी भी है।"
जानें क्या है आशा वर्कर्स की मांग
देश की करीब 6 लाख आशा वर्कर्स मांग कर रही हैं कि उन्हें टाइम से सैलरी मिले। उन्होंने सैलरी बढ़ाने की डिमांड रखी है ताकि वे कोरोना महामारी के समय जिस तरह से मदद कर रही हैं, वो जारी रख सकें। उनके संगठन की डिमांड है कि बीमा और जोखिम भत्ते जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। आशा वर्कर्स को 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियंस भी सपोर्ट कर रही हैं।
लगातार केंद्र पर हमलावर हैं राहुल गांधी
चाहे कोरोना वायरस की बढ़ती रफ्तार हो या अर्थव्यवस्था के आंकड़े, राहुल गांधी लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर रहे हैं। हाल ही में RBI के डेटा आने पर राहुल ने कहा कि यही 'मूड ऑफ द नेशन' है। राहुल का आरोप है कि लोगों में डर घर कर गया है। उन्होंने कहा कि आगे अर्थव्यवस्था और नौकरियों पर बुरी खबर सुनने को मिलेगी। इससे पहले कोरोना केस 20 लाख पार होने पर राहुल ने कहा था, '20 लाख का आंकड़ा पार, ग़ायब है मोदी सरकार।'