इसी क्रम में वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने रविवार को कहा कि 'राहुल गांधी वस्तुत: कांग्रेस अध्यक्ष हैं, लेकिन उन्हें जल्द से जल्द वास्तविक अध्यक्ष बनना चाहिए' और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर बनने का इंतजार किए बगैर पार्टी को सियासी जंग के लिए तैयार करना चाहिए।
रमेश ने यह भी कहा कि यह समय की मांग है कि बदलते भारत के हिसाब से कांग्रेस भी बदले क्योंकि 'हमारी संचार रणनीति बहुत प्रभावी नहीं है' और लगातार चुनावी हार की पृष्ठभूमि में हमें समाज के विभिन्न हिस्सों तक 'आक्रामक पहुंच बनाने की जरूरत है।' उन्होंने 'कांग्रेस-मुक्त भारत' के मोदी के लगातार आह्वानों की तरफ स्पष्ट रुप से इशारा करते हुए कहा कि चुनौतियां बहुत ही भारी हैं, लेकिन मायूसी के लिए कोई जगह नहीं है। जो कांग्रेस को खारिज कर रहे हैं उन्हें देश की राजनीति की समझ नहीं है।
राहुल गांधी को नेतृत्व सौंपने की जोरदार वकालत करते हुए रमेश ने कहा कि 'उहापोह में रहने से कोई फायदा नहीं होता।' अभी कांग्रेस जिन चुनौतियों का सामना कर रही है, यह उस समय जैसी ही हैं जब मार्च 1988 में सोनिया गांधी ने पार्टी की कमान संभाली थी। रमेश ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष के पास 'पार्टी के सांगठनिक पुनर्गठन के लिए ढेर सारे विचार हैं और मुझे उम्मीद है कि वह बहुत जल्द अध्यक्ष की जगह पा लेंगे।