खास बात यह रही कि राहुल का अंदाज पहले के मुकाबले बदला-बदला लगा। अपने करीब पूरे संबोधन में नोटबंदी पर निशाना साधने वाले राहुल ने कहा, मोदी जी चाहते हैं कि आपका पैसा बैंकों में जाए और उससे अमीरों का 8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया जाए। जैसे अमिताभ बच्चन जी की फिल्म का एक गाना था...राम-राम जपना, गरीब का माल अपना।' अमिताभ बच्चन और गांधी परिवार के रिश्ते कभी बेहद मधुर थे मगर राजीव गांधी की हत्या के बाद दोनों परिवारों के रिश्ते तल्ख हो गए।
नोटबंदी को आर्थिक डकैती करार देते हुए राहुल ने कहा, 'मोदी जी ने मजदूरों की मेहनत की कमाई जलाई, ट्रांसपोर्ट, पर्यटन के बिजनस को नष्ट कर दिया। किसान कर्ज नहीं दे पाता है तो उसका घर ले लेते हैं और एक प्रतिशत अमीरों का कर्ज नॉन परफॉर्मिंग असेट बना देते हैं। गरीबों से पैसा खींचो और अमीरों को सींचो।' इसक बाद उन्होंने शायराना अंदाज में कहा, 'लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में, तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में।' राहुल ने दावा किया नोटबंदी के चलते लोगों को हो रही परेशानी जल्द दूर नहीं होने वाली। उन्होंने कहा, 'मोदी जी ने कहा था कि 50 दिन में काम शुरू हो जाएगा, लेकिन 6-7 महीने से पहले स्थिति सामान्य नहीं होगी।'
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने नोटबंदी से पैदा हुए हालात के चलते कथित तौर पर हुई लोगों की मौत का भी जिक्र किया। राहुल ने कहा, 'नोटबंदी के कारण 100 लोगों से ज्यादा की मृत्यु हुई, पर दो मिनट 100 लोगों की याद में हमें संसद में खड़े नहीं होने दिया गया।'