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राजस्थान संकट: सत्र बुलाने का प्रस्ताव राज्यपाल ने तीसरी बार वापस किया

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने तीसरी बार विधानसभा सत्र बुलाने की फाइल को गहलोत सरकार के पास भेज...
राजस्थान संकट: सत्र बुलाने का प्रस्ताव राज्यपाल ने तीसरी बार वापस किया

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने तीसरी बार विधानसभा सत्र बुलाने की फाइल को गहलोत सरकार के पास भेज दिया है। दरअसल, कांग्रेस की अगुवाई वाली गहलोत मंत्रिमंडल विशेष सत्र को 31 जुलाई से बुलाने पर अड़ी हुई है। 

जबकि, राज्यपाल की तरफ से जारी किए गए प्रपत्र में कहा गया है कि वो 21 दिनों का नोटिस जारी कर सत्र बुलाएं। वापस भेजे गए प्रस्ताव के बाद मुख्यमंत्री सीएम गहलोत कलराज मिश्र से मिलने के लिए रवाना हुए हैं। उन्होंने कहा कि वो क्या चाहते हैं, इसी बात को जानने के लिए मैं जा रहा हूं।

मंगलवार को सीएम अशोक गहलोत के निवास पर कैबिनेट बैठक हुई थी, जिसमें विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने को लेकर राज्यपाल की आपत्तियों पर चर्चा हुई। इसमें मंत्रिमंडल ने विशेष सत्र 31 जुलाई से बुलाने की मांग की।

उल्लेखनीय है कि राजभवन ने विधानसभा का सत्र आहूत करने के लिए राज्य सरकार से पूछा है कि इसे 21 दिन की समय सीमा में बुलाने के अलावा कोरोना को देखते हुए सोशल डिस्‍टेंसिंग का ध्‍यान रखना भी बेहद जरूरी है। इसके अलावा सरकार से पूछा है गया है कि विधानसभा सत्र के दौरान सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन किस प्रकार किया जाएगा? क्‍या कोई ऐसी व्‍यवस्‍था है, जिसमें 200 विधायकों के अलावा 1000 से अधिक अधिकारी और कर्मचारियों के जुटने पर कोरोना संक्रमण का खतरा न हो।

कांग्रेस की अगुवाई वाली गहलोत सरकार विधानसभा के सत्र बुलाने को लेकर जोर दे रही है, ताकि राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा शुक्रवार को आदेश दिए जाने के बाद मुख्यमंत्री सदन के पटल पर अपना बहुमत साबित कर सकें कि स्पीकर द्वारा भेजी गई अयोग्यता नोटिसों पर यथास्थिति बरकरार रखी जाए। पायलट और 18 अन्य विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग को लेकर स्पीकर सीपी जोशी ने नोटिस भेजा है, जिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दिया। हाईकोर्ट में 24 जुलाई को सुनवाई से पहले सीपी जोशी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद सीपी जोशी ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस ले ली थीं।

राजस्थान विधानसभा में दो सौ सीट है। इसमें से 72 विधायक भाजपा के हैं। वहीं, गहलोत सरकार का दावा है कि उनके पास बहुमत के साथ 107 अधिक विधायक हैं। कांग्रेस पार्टी में पायलट समेत 19 विधायकों ने बागी तेवर अख्तियार किए हुए हैं। बागी सचिन पायलट का दावा है कि गहलोत सरकार के पास पूर्ण बहुमत नहीं है।

 

 

 

 

 

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