कांग्रेस का कहना है कि सुकमा नक्सली हमले की घटना ने भाजपा सरकार की आतंकवाद और नक्सलवाद के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के दावों की पोल खोल दी है। छत्तीसगढ़ की रमन सरकार नक्सलवाद को रोकने में नाकाम साबित हो रही है। सीधे तौर पर यह सरकार की दिशाहीन नीतियों का ही नतीजा है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, पिछले 14 साल 95 दिनों से छत्तीसगढ़ में भाजपा शासित रमन सरकार सत्ता में है लेकिन रमन सरकार आंतरिक सुरक्षा के मामले में नाकाम रही है। हर बार नक्सली हमला होता है और मुख्यमंत्री कड़ी कार्रवाई की बात करते हैं लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है। केंद्र और राज्य की सरकार नक्सलवाद को रोकने में पूरी तरह नाकाम रही हैं। छत्तीसगढ़ की सरकार के दावों की पोल तो तभी खुल गई थी जब एक जाने माने सुरक्षा विशेषज्ञ के पी एस गिल ने एक इंटरव्यू में कहा था कि रमन सरकार और केंद्र की भाजपा सरकार ने उऩ्हें नक्सल विरोधी रणनीति के मुखिया के तौर पर नियुक्त किया था लेकिन सरकार ने कोई कदम न उठाने और सरकारी वेतन भत्ते लेकर आराम से मजे करने की सलाह दी थी।
दो सौ से ज्यादा जवान हो चुके हैं शहीद
सुरजेवाला ने कहा, पिछले चार साल के आंकड़ों देखे तों दो सौ से ज्यादा जवान शहीद हो चुके हैं। 2015 में 1089 हिंसात्मक हमले हुए जिसमें 57 जवान शहीद हो गए और 93 लोगों की मौत हो गई। 2016 में 1048 नक्सली हमले हुए और इसमें 66 जवान और 123 लोगों की मौत हो गई। 2017 में 908 हमलों में 74 जवान और 109 लोग मारे गए। 51 फरवरी 2018 तक 122 हमलों में 14 जवान और 12 लोगों की मौत हो गए जबकि यूपीए सरकार के इससे पहले के चार सालों में नक्सली हमलों पर काफी हद काबू पाया गया और मरने वालों की संख्या भी आधी रह गई।
योजनाओं को लगाया पलीता
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, कांग्रेस गठबंधन की यूपीए सरकार के समय 88 नक्सल प्रभावित जिलों में एक समन्वित एक्शन प्लान लांच किया गया था। इसके लिए सीधे तौर पर योजना आयोग और केंद्रीय गृहमंत्रालय से राशि मंजूर की गई। 2013-14 में इन जिलों के लिए 13सौ करोड़ रुपये मंजूर किए गए लेकिन मोदी सरकार ने इस योजना को ही खत्म कर दिया। 2017 के सुकमा हमले के बाद मोदी सरकार ने एक हजार करोड़ रुपये का पैकेज नक्सल प्रभावित इलाकों के लिए रखा लेकिन कोई ठोस अमल नहीं हो पाया। 2007 में कांग्रेस सरकार ने भारत के पिछड़े 250 जिलों के लिए बैकवर्ड रीजन ग्रांड फंड (बीआरजीएफ) बनाया लेकिन मोदी सरकार ने इसे भी खत्म कर दिया। कांग्रेस की अन्य योजनाओं को भी मोदी सरकार ने पलीता लगा दिया।