राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम, 2023 पर शनिवार को भारत सरकार द्वारा गजट अधिसूचना जारी होने के बाद यह बिल कानून बन गया। इस पर आम आदमी पार्टी सरकार के मंत्री, कार्यकर्ता और विपक्षी अक्रोशित हैं। दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पिछले दिन इस कानून को संविधान की मूल भावना के खिलाफ़ बताया तो अब भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने उनका पलटवार किया है।
भारतीय जनता पार्टी के सांसद रमेश बिधूड़ी का कहना है, "सौरभ भारद्वाज जी, अब दिल्ली की लूट बच जाएगी। उपराज्यपाल साहब के रहते उनकी गुंडागर्दी से मुक्ति मिल जाएगी। जब वे दिल्ली की सत्ता में आए थे तो करीब 6500 बसें सड़क पर चलती थीं। अब, दिल्ली में केवल 2500 बसें रह गई हैं।"
उन्होंने कहा, "आप ने पिछले 9 वर्षों में दिल्ली को बर्बाद कर दिया है...दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है, पूर्ण राज्य नहीं। यहां राजदूत आते हैं और दूतावास भी हैं। यहां सभी राज्यों के सदन हैं। यह भारत का दर्पण है...यह (दिल्ली सेवा अधिनियम) असंवैधानिक नहीं है।''
#WATCH | BJP MP Ramesh Bidhuri says, "...With the Lt Governor, there will be freedom from their hooliganism. When they came to power in Delhi, around 6500 buses used to ply on road. Now, there remains only 2500 buses in Delhi...You have destroyed Delhi in last 9 years...Delhi is… https://t.co/C0WaW14oIo pic.twitter.com/VW0n8g6AQm
— ANI (@ANI) August 14, 2023
सौरभ भारद्वाज ने कहा था, "कई बार ऐसा हुआ है कि सरकार ने संविधान की मूल भावना के खिलाफ कानून पारित किया और सुप्रीम कोर्ट ने उसे पलट दिया। मेरा मानना है कि यह कानून (दिल्ली सेवा अधिनियम) संविधान की मूल भावना के भी खिलाफ है।"
उन्होंने आगे कहा, "संविधान कहता है कि सरकार जनता द्वारा, चुने हुए प्रतिनिधियों के माध्यम से चलेगी। ऐसे में ऊपर से नियुक्त उपराज्यपाल सरकार नहीं चला सकते। यह संभव नहीं।"
"जब ये मामला कोर्ट में आएगा तो कोर्ट इस कानून को पलट देगी और संविधान लागू कर देगी। तब तक अफरा-तफरी मची रहेगी। एलजी मनमाने ढंग से सरकार चलाएंगे और जनता का काम रोक देंगे...यह दिल्ली के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा।''
#WATCH | Delhi: AAP Minister Saurabh Bhardwaj says, "Many times it has happened that the govt passed a law against the basic spirit of the Constitution and the Supreme Court overturned it. I believe that this law (Delhi Services Act) is also against the basic spirit of the… pic.twitter.com/ZMTfS2Arxt
— ANI (@ANI) August 13, 2023
गौरतलब है कि शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम, 2023 यानी "दिल्ली सेवा बिल" को मंजूरी दे दी। इसके बाद भारत सरकार द्वारा इसकी अधिसूचना जारी करते ही बिल अब कानून बन गया।
Government of India issues gazette notification on Government of National Capital Territory of Delhi (Amendment) Act, 2023. pic.twitter.com/dNcUFQPQOh
— ANI (@ANI) August 12, 2023
दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़े अध्यादेश की जगह लेने वाला विधेयक तीन अगस्त को लोकसभा से पास हो गया। इसके बाद लोकसभा से पारित होने के बाद यह बिल सात अगस्त को राज्यसभा में भी पास हो गया। बिल के पक्ष में 131 वोट डाले गए तो इसके विरोध में विपक्षी सासंदों की ओर से सिर्फ 102 वोट पड़े।
इससे पहले 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली सरकार के नौकरशाहों के स्थानांतरण और पदस्थापना सहित सेवाओं पर नियंत्रण दिल्ली की केजरीवाल सरकार के पास है। इसको पलटते हुए केंद्र सरकार ने 19 मई को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023 लागू किया था। इस बिल को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच सदन के मॉनसून सत्र में भी घमासान देखने को मिला।