कांग्रेस ने रिजर्व बैंक की अंतरिम कार्य समूह की सिफारिश के तहत कॉरपोरेट घरानों को बैंक खोलने की अनुमति देने को घातक बताते हुए कहा है कि इससे जनता की गाढ़ी कमाई पर पूंजीपतियों का कब्जा हो जाएगा। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार ने नोटबन्दी के समय भी रिज़र्व बैंक का दुरुपयोग किया और अब भी यह सरकार एक कठपुतली की तरह आरबीआई का दुरुपयोग कर रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम तथा संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मंगलवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार रिजर्व बैंक के इंटर्नल वर्किंग ग्रुप की बड़े धन्ना सेठों और चुनिंदा उद्योगपतियों को बैंक खोलनेे की अनुमति देने का रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डॉ. रघुराम राजन और डॉ. विरल आचार्य ने भी कड़ा विरोध किया है।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी भी इस प्रस्ताव का विरोध करती है और ऐसे किसी कदम को जनहित के लिए घातक मानती है। बैंकिंग व्यवस्था को मुट्ठी भर धन्ना सेठों को सौंप दिया गया तो पिछले 50 साल से बैंकिंग व्यवस्था को साधारण जनमानस, किसान और गरीब तक पहुंचाने की सारी कोशिशें और कवायद पूरी तरह से बेकार हो जाएगी।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस प्रस्ताव की निंदा करती है और मांग करती है कि सरकार आगे आए और घोषणा करे कि इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है. हम भारत के सभी लोगों और सभी राजनीतिक दलों और ट्रेड यूनियनों से आह्वान करते हैं कि कॉरपोरेट्स और व्यापारिक घरानों को बैंकिंग क्षेत्र में प्रवेश करने और बैंकों को स्थापित करने का विरोध करें।