भाजपा ने दिल्ली में भी महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान की तरह काम लिया। रेखा गुप्ता को सीएम बनाकर पार्टी ने कईयों को चौंकाया है। लेकिन बीजेपी की विचारधारा से जुड़ी जमीनी नेता रेखा गुप्ता दिल्ली में विभिन्न संगठनात्मक पदों पर कार्य करने तथा पार्षद के रूप में कार्य करने के कारण रेखा गुप्ता राष्ट्रीय राजधानी के मुद्दों और समस्याओं से परिचित हैं।
वह आज यानी गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगी, जो उनके और उनकी पार्टी के लिए एक ऐतिहासिक दिन होगा, क्योंकि दिल्ली में करीब 27 साल बाद उनकी पार्टी सरकार बनाएगी।
भाजपा के चुनाव घोषणापत्र में ढेर सारे वादे होने के कारण, उनसे अपेक्षा की जा रही है कि वे जमीनी स्तर पर काम करेंगी और व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाएंगी।
बता दें कि वह दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री होंगी और इस प्रकार वह एक ऐसी परंपरा को जारी रखेंगी, जिसकी बराबरी करना देश के अन्य भागों के लिए कठिन रहा है। दिल्ली में भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की ओर से महिला मुख्यमंत्री रही हैं। वह आतिशी का स्थान लेंगी।
शालीमार बाग सीट से विधायक चुनी गईं रेखा गुप्ता दिल्ली में भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य रह चुकी हैं। इन भूमिकाओं में उन्होंने वंचित समुदायों और महिलाओं के कल्याण के लिए कई अभियान चलाए।
रेखा गुप्ता ने अपना राजनीतिक सफर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के साथ शुरू किया था। दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद, वह 1996-97 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) की अध्यक्ष बनीं और सक्रिय रूप से छात्र मुद्दों को उठाया।
2007 में उत्तरी पीतमपुरा से पार्षद के रूप में उन्होंने क्षेत्र में पुस्तकालयों और पार्कों जैसी बुनियादी सुविधाओं के विकास पर काम किया। उन्होंने एलएलबी की डिग्री भी हासिल की है और वह एएएस नामक एनजीओ की संस्थापक हैं। वह 2023 में आप की शेली ओबेरॉय से मेयर का चुनाव हार गई हैं।
पहली बार विधायक बनीं 50 वर्षीय रेखा गुप्ता को दिल्ली भाजपा में वरिष्ठ नेताओं के मुकाबले इसलिए तरजीह दी गई क्योंकि पार्टी चाहती थी कि कोई महिला नेता इस पद पर आसीन हो। उन्हें दिल्ली भाजपा के कुछ अन्य नेताओं की तुलना में कम प्रोफ़ाइल रखने के लिए जाना जाता है। संभावित विकल्प के बारे में कई दिनों तक चली गहन अटकलों के बाद दिल्ली के अगले सीएम के रूप में उनके नाम की घोषणा की गई। दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए गए।
भाजपा महिला सशक्तिकरण पर जोर दे रही है, ऐसे में रेखा गुप्ता की पदोन्नति से पार्टी को महिलाओं के बीच अपनी साख मजबूत करने में मदद मिलेगी। मौजूदा भाजपा मुख्यमंत्रियों में वह एकमात्र महिला होंगी।
भाजपा विधायक दल की नेता चुने जाने के बाद रेखा गुप्ता ने उन्हें दी गई जिम्मेदारी के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पार्टी नेतृत्व और दिल्ली की जनता के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि उनके जीवन का हर पल इस जिम्मेदारी को पूरा करने में व्यतीत होगा।
रेखा गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें मिली जिम्मेदारी देश की महिलाओं के लिए भी सम्मान का क्षण है, जो देश की आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करती हैं।
उन्होंने कहा, "मैं प्रधानमंत्री मोदी और दिल्ली में भाजपा आलाकमान के लोगों को यह अवसर देने के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं। 27 साल बाद एक नया अध्याय शुरू हो रहा है। यह देश की महिलाओं के लिए गर्व का क्षण है। हमने सरकार बनाने का दावा पेश किया है। भाजपा की प्रत्येक प्रतिबद्धता को पूरा करना मेरे जीवन का अंतिम लक्ष्य है।"
रेखा गुप्ता ने उन पर भरोसा जताने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और पार्टी नेतृत्व का आभार भी व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, "मैं संकल्प लेती हूं कि अपने जीवन का हर पल इस जिम्मेदारी को पूरा करने में लगाऊंगी। भाजपा ने लोगों से जो वादे किए हैं, उन्हें पूरा करना ही मेरे जीवन का लक्ष्य है। दिल्ली सरकार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में समयबद्ध तरीके से काम करेगी और सभी विधायक टीम मोदी के रूप में वादे पूरे करने के लिए काम करेंगे।"
इससे पहले दिन में नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में रेखा गुप्ता को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया। वह राष्ट्रीय राजधानी के रामलीला मैदान में आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी।
रेखा गुप्ता ने इससे पहले पार्टी के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि वह दिल्ली के लोगों के कल्याण के लिए पूरी ईमानदारी, निष्ठा और समर्पण के साथ काम करेंगी।
उन्होंने कहा, "मुझ पर विश्वास करने और मुझे मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपने के लिए मैं शीर्ष नेतृत्व का हृदय से आभार व्यक्त करती हूं। इस विश्वास और समर्थन ने मुझे नई ऊर्जा और प्रेरणा दी है। मैं संकल्प लेती हूं कि मैं दिल्ली के प्रत्येक नागरिक के कल्याण, सशक्तिकरण और समग्र विकास के लिए पूरी ईमानदारी, निष्ठा और समर्पण के साथ काम करूंगी। दिल्ली को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के इस महत्वपूर्ण अवसर के लिए मैं पूरी तरह प्रतिबद्ध हूं।"
भाजपा ने ऐतिहासिक जनादेश के तहत 48 सीटें जीतकर आम आदमी पार्टी को सत्ता से बाहर कर दिया।