लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में अंदरूनी कलह खुलकर सामने आने लगी है। पार्टी के विधायक महेश्वर प्रसाद यादव ने पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा है कि अगर तेजस्वी इस्तीफा नहीं देते तो पार्टी में बहुत जल्द टूट होगी। उन्होंने पार्टी की कमान किसी सीनियर नेता के हाथों में सौंपने की बात कही है।
मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट से राजद विधायक महेश्वर प्रसाद यादव ने सोमवार को पत्रकारों से कहा कि परिवारवाद के कारण राजद की यह दुर्गति हुई है। उन्होंने कहा कि लोग वंशवाद की राजनीति से तंग आ चुके हैं। मैं नाम नहीं लूंगा लेकिन कई विधायक हैं जो अब घुटन महसूस कर रहे हैं।
'परिवारवाद का हमेशा विरोध किया'
राजद विधायक ने कहा कि मैं पहले ही पार्टी का पदाधिकारी और उत्तराधिकारी परिवारवाद से इतर पार्टी में वरीयता का ध्यान रखकर बनाए जाने की बात कहता रहा हूं। 1997 में राबड़ी देवीजी को मुख्यमंत्री बनाया गया, तब भी मैंने इसका विरोध किया था लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया। राजद विधानसभा चुनाव में तब 22 सीट और लोकसभा में 4 सीटों पर सिमट कर रह गई थी।
'नहीं बदला नेता तो होगी दुर्दशा'
विधायक महेश्वर प्रसाद ने कहा कि तेजस्वी को बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। अगर तेजस्वी इस्तीफा देकर किसी बड़े नेता को यहां नहीं बैठाते हैं तो अगले चुनाव में पार्टी की और दुर्दशा होगी। उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के साथ जाने के बाद ही राजद को यह सफलता मिली, वरना राजद को विधानसभा में इतनी सीटें नहीं मिलतीं। यह पूछे जाने पर कि हार की समीक्षा के लिए 28 और 29 मई को प्रस्तावित पार्टी की बैठक में हिस्सा लेंग,इस पर उन्होंने कहा कि उनकी मांग पूरी होने तक वह बैठक में भाग नहीं लेंगे।
मिली महज एक सीट
बिहार में कांग्रेस-राजद-आरएलएसपी-हम और वीआईपी ने महागठबंधन बनाकर चुनाव लड़ा था।बिहार की 40 में 39 सीटों पर भाजपा-जेडीयू-एलजेपी गठबंधन का कब्जा रहा जबकि महागठंधन के हिस्से केवल एक सीट आई। महागठबंधन से कांग्रेस ने किशनगंज की सीट जीती। यहां से कांग्रेस उम्मीदवार डॉक्टर मोहम्मद जावेद ने जेडीयू के सैयद महमूद अशरफ को हराया।