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भाजपा के ‘एक साथ चुनाव’ के प्रस्ताव को मिला सपा और टीआरएस का साथ

देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव करवाने को लेकर सियासत गरम है। भाजपा इस प्रस्ताव के पक्ष में...
भाजपा के ‘एक साथ चुनाव’ के प्रस्ताव को मिला सपा और टीआरएस का साथ

देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव करवाने को लेकर सियासत गरम है। भाजपा इस प्रस्ताव के पक्ष में माहौल बनाने में जोरशोर से जुटी है। अब इसे समाजवादी पार्टी का साथ मिला है। सपा नेता रामगोपाल यादव ने इसपर हामी भरी है। इसके अलावा टीआरएस ने भी इस पर अपनी सहमति दी है। पार्टी के चेयरमैन के चंद्रशेखर राव ने केंद्रीय कानून आयोग को पत्र लिखकर कहा, “हम लोग एकसाथ चुनाव करवाने के पक्ष में है।”

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, रविवार को केंद्रीय कानून आयोग में एसपी का पक्ष रखने के बाद रामगोपाल यादव ने कहा, “समाजवादी पार्टी एक साथ चुनाव करवाने के पक्ष में है। यह 2019 से ही शुरू होना चाहिए। साथ ही अगर राजनेता पार्टी बदलता है या हॉर्स ट्रेडिंग में संलिप्त पाया जाता है तो राज्यपाल को उनपर एक हफ्ते के अंदर ऐक्शन लेने का अधिकार होना चाहिए।”

वहीं तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव ने कानून आयोग को लिखे अपने पत्र में कहा, "टीआरएस लोकसभा और राज्य विधान सभाओं के साथ-साथ चुनाव आयोजित करने के पक्ष में दृढ़ता से है।"

बता दें कि केंद्रीय कानून आयोग ने दो दिन की बैठक आयोजित की है, जिसमें सभी राष्ट्रीय और राज्यों की मान्यता प्राप्त पार्टियों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है। इसमें एक साथ चुनाव करवाने पर उनके क्या विचार हैं पूछा जा रहा है।

बैठक के पहले दिन शनिवार को विपक्षी पार्टियों ने भाजपा के इस प्रस्ताव का विरोध किया था। भाजपा के सहयोगी दल गोवा फॉर्वर्ड पार्टी (जीएफपी) ने भी इसपर ऐतराज जताया। जीएफपी अध्यक्ष विजय सरदेसाई ने कहा था, “उनकी पार्टी नहीं चाहती कि लोकसभा चुनाव के साथ राज्य विधानसभा के चुनाव भी करवाए जाएं। लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव साथ-साथ करवाने का प्रस्ताव क्षेत्रीय भावनाओं के खिलाफ है।”

वहीं टीएमसी ने भी इसे संविधान की मूल संरचना के खिलाफ  बताते हुए इसकी कड़ी आलोचना की।

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