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संजय राउत ने कहा- चंद्रबाबू और नीतीश को तय करना होगा कि वे ‘तानाशाह’ के साथ हाथ मिलाना चाहते हैं या नहीं

शिवसेना नेता संजय राउत ने बुधवार को कहा कि तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और जद...
संजय राउत ने कहा- चंद्रबाबू और नीतीश को तय करना होगा कि वे ‘तानाशाह’ के साथ हाथ मिलाना चाहते हैं या नहीं

शिवसेना नेता संजय राउत ने बुधवार को कहा कि तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और जद (यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार को तय करना होगा कि वे ‘तानाशाह’ के साथ हाथ मिलाना चाहते हैं या नहीं। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू का समर्थन अगली सरकार के गठन के लिए महत्वपूर्ण है।

पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने कहा कि अगर कांग्रेस नेता राहुल गांधी विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) की सरकार का नेतृत्व करने और प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनने का फैसला करते हैं तो उनकी पार्टी इसका विरोध नहीं करेगी।

आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के नेता बुधवार को नई दिल्ली में बैठक करेंगे। राउत ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यह स्वीकार करना चाहिए कि उन्हें नैतिक हार का सामना करना पड़ा है क्योंकि उनकी पार्टी को सरकार बनाने के लिए बहुमत नहीं मिला और मोदी ब्रांड अब खत्म हो गया है।

राउत ने कहा, ‘चंद्रबाबू और नीतीश कुमार को यह तय करना होगा कि क्या वे एक ‘तानाशाह’ के साथ जाना चाहते हैं और लोकतांत्रिक प्रणाली में काम करना चाहते हैं। मुझे नहीं लगता कि वे एक तानाशाह के साथ जाएंगे।’ उन्होंने दावा किया, ”मोदी जी तीसरी बार सरकार नहीं बना रहे हैं।”

लोकसभा चुनाव के नतीजों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा) को 240 सीटें मिली हैं जो पूर्ण बहुमत से 32 सीटें कम हैं।

प्रमुख सहयोगी एन चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) और नीतीश कुमार की जद(यू) ने आंध्र प्रदेश और बिहार में क्रमशः 16 और 12 सीटें जीतीं। इन दोनों, तथा अन्य गठबंधन सहयोगियों के समर्थन से, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है।

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