केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज 11,300 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के लिए पूर्ववर्ती संप्रग सरकार का जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि राजग सरकार की सजगता के कारण यह घोटाला सामने आया।
It is the alertness of the NDA govt which has brought this scam into light. All the NPAs, the wrongful distribution of loans, amongst others were all passed down to us by the UPA Govt. This is a scam by the bank & not the govt: Prakash Javadekar #PNBFraudCase pic.twitter.com/APu2VycPu4
— ANI (@ANI) February 16, 2018
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह बैंकिंग फ्रॉड है जिसकी जांच चल रही है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सारा पैसा वापस आ जाए।
उन्होंने कहा कि सभी एनपीए, गलत ढंग से कर्ज का वितरण वगैरह सभी संप्रग सरकार के समय हुआ। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह घोटाला बैंक द्वारा किया गया है। जो घोटाला सामने आया है वह संप्रग सरकार का घोटाला है। यह संप्रग सरकार के कार्यकाल में 2011 में शुरू हुआ।
जावड़ेकर ने कहा कि संप्रग सरकार के वित्त सचिव ने कोई कार्रवाई करने की जगह इलाहाबाद बैंक के तत्कालीन निदेशक दिनेश दूबे को इस्तीफा देने के लिए बाध्य कर दिया। हम यह पूछना चाहते हैं कि वित्त सचिव ने किसके कहने पर दिनेश दूबे पर दबाव डाला।
Finance Secretary during UPA's regime, instead of taking action, forced Dinesh Dubey to resign. We are asking who pressurised the Finance Secretary to pressurise Dinesh Dubey?: Union Minister Prakash Javadekar pic.twitter.com/sJiJUSS5kD
— ANI (@ANI) February 16, 2018
इससे पूर्व इलाहाबाद बैंक के निदेशक रहे दिनेश दूबे ने कहा था कि उन्होंने 2013 में सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास गीतांजलि जेम्स के खिलाफ असहमति का नोट भेजा था लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। मुझे निर्देश दिया गया था कि यह कर्ज मंजूर होना चाहिए। मुझ पर दबाव डाला गया इसकी वजह से मैंने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार से चला हुआ कांड आज राजग सरकार में 10 गुना, 50 गुना बढ़ गया।
I had sent a dissent note against #GitanjaliGems to the Govt and RBI in 2013 but to no avail, I was directed that this loan has to be approved, I was being pressurized so I resigned: Dinesh Dubey,former Allahabad Bank Director pic.twitter.com/yMqxiYWw7X
— ANI (@ANI) February 16, 2018
दिनेश दूबे के आरोपों पर पूर्व बैंक सचिव राजीव टकरु ने कहा कि वह मेरी इस व्यक्ति से जीवन में केवल एक बार मुलाकात हुई है। ये 2013 में मेरे कार्यालय में इस्तीफा देने आए थे। उनके इस्तीफे कारण यह था कि वे किसी बात से नाखुश थे। टकरु ने कहा कि मैंने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया। मेरी उनसे कभी कोई बात नहीं हुई है।
I met this person only once in my life.He had come to my office to resign in 2013. Reason behind resignation was that he was unhappy over something. I accepted his resignation. I have never spoken to him: Rajiv Takru, Former Banking Secy on ex-Allahabad Bank Director Dinesh Dubey
— ANI (@ANI) February 16, 2018