पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आरएसएस के कार्यक्रम में जाने और भाषण देने को लेकर विवाद और बयानबाजी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब शिवसेना ने दावा किया है कि यदि 2019 में भाजपा को बहुमत नहीं मिला तो ऐसी स्थिति में आरएसएस प्रणब मुखर्जी का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए आगे कर सकता है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि ऐसा लगता है कि संघ प्रणब मुखर्जी को पीएम उम्मीदवार के तौर पर घोषित करने की तैयारी कर रहा है। शिवसेना नेता का कहना है कि यदि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को पर्याप्त सीटें नहीं आती हैं तो भाजपा की ओर से प्रणब मुखर्जी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है। ऐसा लगता है कि संघ खुद को इस स्थिति के लिये तैयार कर रहा है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में इस बात को विस्तार से रखा है।
शिवसेना के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता राम कदम ने कहा, "संजय राउत के बयान से पता चलता है कि वह शरद पवार की भाषा बोल रहे हैं। बीजेपी-एनडीए सरकार 1 9 में सत्ता में आ जाएगी। 'सामाना' समाचार पत्र नहीं है, हम इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं।"
बता दें कि 7 जून को नागपुर स्थित आरएसएस के मुख्यालय में आयोजित संघ संजय राउत के बयान से पता चलता है कि वह शरद पवार की भाषा बोल रहे हैं। बीजेपी-एनडीए सरकार 1 9 1 में सत्ता में आ जाएगी। 'सामाना' एक समाचार पत्र नहीं है, हम इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं: राम कदम, वर्ग के समापन समारोह में डॉ. प्रणब मुखर्जी ने मुख्य अतिथि के तौर पर हिस्सा लिया था और भाषण दिया था। उनके इस कार्यक्रम में जानेे के फैसले पर उनकी बेटी और कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी समेत पार्टी के कई नेताओं ने विरोध किया था।