मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार में शिवराज सिंह ने मूल भाजपा के लोगों को स्थान नहीं दिया किन्तु कांग्रेस से भाजपा में आये दागी विधायक गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री जरूर बना दिया। आयकर छापों के बाद तैयारी सीबीडीटी की रिपोर्ट में अवैध लेन-देन में राजपूत का नाम शामिल है। ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक राजपूत कांग्रेस के समय राजस्व और परिवहन मंत्री थे।
सीबीडीटी की रिपोर्ट को आधार बनाकर चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिया है कि इसमें जिन लोगों के नाम आये है उन पर कार्यवाही की जाये। इसमें गोविंद सिंह राजपूत सहित कई कांग्रेसी विधायक और मंत्रियों के नाम शामिल है। शिवराज सिंह ने मामला आर्थिक अपराध शाखा को सौंप तो दिया है किन्तु उस पर नामजद कार्यवाही नहीं की गई है।
चुनाव आयोग ने इसकी कार्यवाही रिपोर्ट लेकर राज्य के मुख्य सचिव को तलब किया है। इसके बावजूद शिवराज सिंह ने राजपूत को मंत्री बना दिया है। उनके इस कदम की कांग्रेस और भाजपा दोनों आलोचना कर रहे है। पार्टी का मामला होने की वजह से भाजपा में कोई खुल कर नहीं बोल रहा है किन्तु दबी जुबान से पार्टी संगठन में इसकी शिकायत की गई है।
दूसरी ओर कांग्रेस इसकी खुलकर आयोचना कर रही है। कांग्रेस नेता राकेश चौधरी का कहना है कि राजपूत को मंत्री बनाने का मतलब है कि मुख्यमंत्री ने उनको क्लीन चिट दे दी है। अब कोई अधिकारी उनके खिलाफ कार्यवाही कैसे कर सकता है।