कांग्रेस ने राहुल गांधी पर टिप्पणी को लेकर पूर्व सांसद और संयुक्त बिहार में पथ निर्माण मंत्री रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फुरकान अंसारी को पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। बिहार में कांग्रेस की पराजय के बाद तारिक अनवर और कपिल सिब्बल भी नेतृत्व पर गंभीर सवाल उठा चुके हैं। पार्टी के भीतरी सूत्रों के अनुसार फुरकान के तीखे तेवर को देखते हुए पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा सकती है। बता दें कि फुरकान का पुत्र इरफान प्रदेश कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष है।
फुरकान पुराने कांग्रेसी हैं। चार दशक से पार्टी में हैं। तीन दिन पहले बोकारो में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी पर जम कर तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि वे अगर पार्टी को वास्तव में मजबूत करना चाहते हैं तो काम का तरीका बदलें। सिस्टम में बदलाव की जरूरत है। इसके लिए उन्होंने सोनिया गांधी व राहुल गांधी को पत्र भी लिखा है।
उन्होंने कहा था कि राहुल के कार्यालय में गैर राजनीतिक लोगों का जुटान हो गया है। मैनेजमेंट पास लोगों सलाहकार बन गये हैं जो हवा हवाई बातें करते हैं। बिहार चुनाव में पराजय को अति आत्मविश्वास करार दिया। कहलगांव जहां से बिहार विधानसभा के पूर्व अघ्यक्ष सदानंद सिंह के पुत्र चुनाव लड़ रहे थे, राहुल की सभा से लौटी महिलाओं के हवाले कह दिया कि --राहुल क्या बोले समझ में नहीं आया। राहुल गांधी के ट्वीट को अकसर रीट्वीट करने वाले फुरकान की भाषा अचानक इतनी तल्ख क्यों हुई लोगों को समझ नहीं आ रहा। हालांकि वे खुद कहते हैं कि वे लगातार पार्टी को मजबूत करने का काम करते रहे हैं।
उन्होंने झारखंड के कांग्रेस प्रभारी की भी आलोचना करते हुए कहा था कि मेरी चले तो प्रखंड अध्यक्ष भी न बनाऊं। बीच-बीच में फुरकान के राज्यसभा और बेटे इरफान के हेमंत सरकार में शामिल होने की चर्चा भी उड़ती रही मगर अवसर नहीं आया। कांग्रेस में दो पूर्व अध्यक्ष वापस आने की तैयारी में हैं, इंतजार में हैं। ऐसे में फुरकान अंसारी को बाहर का रास्ता दिखाने वाली कार्रवाई खुद कांग्रेस के लिए भी कड़ा फैसला होगा। बेटा और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष इरफान पर इसका क्या असर होगा यह समय ही बतायेगा।