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2जी पर बोली कांग्रेस, ‘कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ, विनोद राय को मांगनी चाहिए माफी’

बहुचर्चित 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले केस में गुरुवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया। अदालत के द्वारा पूर्व...
2जी पर बोली कांग्रेस, ‘कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ, विनोद राय को मांगनी चाहिए माफी’

बहुचर्चित 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले केस में गुरुवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया। अदालत के द्वारा पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, द्रमुक सांसद कनिमोझी और कई अन्य आरोपियों को बरी किए जाने के बाद इस पर राजनीति तेज हो गई है।

कोर्ट के फैसले पर पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, “अदालत के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए। मुझे खुशी है कि अदालत ने यह फैसला सुनाया। यूपीए के खिलाफ बड़े पैमाने पर किसी भी आधार के बिना दुष्प्रचार किया गया।”

वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, "आज मेरी बात सिद्ध हो गई, कोई भ्रष्टाचार नहीं, कोई घाटा नहीं। अगर स्कैम है तो झूठ का स्कैम है, विपक्ष और विनोद राय के झूठ का।” सिब्बल ने कहा कि विनोद राय को देश के सामने माफी मांगनी चाहिए।

सिब्बल ने कहा कि प्रधान मंत्री को सदन में आकर स्पष्टीकरण देना चाहिए,  इस सरकार का गठन इस आधार पर किया गया था कि यूपीए 2 जी और अन्य घोटालों में शामिल रहे, लेकिन अब यह साबित हो चुका है कि यह विपक्ष द्वारा सिर्फ झूठ बोला गया था।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस घोटाले में सरकार की संलिप्तता का आरोप सही नहीं था और आज ये साबित हो गया है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि कानून ने ठीक उसी तरह से काम किया है जैसा हम उससे उम्मीद करते हैं।डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा कि ये ऐतिहासिक फैसला है। गलत आरोप लगाए गए। डीएमक की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए ये सब किया गया। सभी को बरी कर दिया गया है। अब इस फैसले ने साबित कर दिया है कि हमने कुछ गलत नहीं किया।

पूर्व दूरसंचार मंत्री एवं द्रमुक नेता ए. राजा ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में आज आये विशेष अदालत के फैसले का स्वागत किया। कोर्ट से बाहर आते हुए राजा ने मीडिया से कहा, "मैं फैसला पढ़ने के बाद कुछ कहूंगा। आप देख रहे हैं, सभी खुश हैं।"

द्रमुक सांसद कनीमोई ने कहा कि न्याय मिल गया है। फैसला सुनाए जाने के बाद कनीमोई ने मीडिया से कहा, "मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं है और न्याय मिल गया है।"

बता दें कि इस घोटाले की बात 2010 में सामने आई थी, जिसके बाद केन्द्र की यूपीए सरकार और विपक्ष के बीच जमकर टकराव चला। वहीं अब कोर्ट ने सबको बरी कर दिया है। स्वान टेलीकॉम के प्रवर्तक शाहिद उस्मान बलवा, विनोद गोयनका और अन्य के वकील विजय अग्रवाल ने बताया,  "न्यायालय ने कहा कि अभियोजन अपने किसी भी आरोप को साबित करने में बुरी तरह विफल रहा है। इस तरह सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया गया।"

 

 

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