कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई हिंसा की निंदा की है। उन्होंने कहा कि भारत के छात्रों और युवाओं की आवाज दबाने की लगातार कोशिश की जा रही है। छात्रों और शिक्षकों पर हमले को सरकार के द्वारा लोगों की असहमति की आवाज को दबाने के लिए याद किया जाएगा।
सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार के संरक्षण में देश के युवाओं की आवाज को दबाकर गुंडों द्वारा हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा है और उनका मजाक बनाया जा रहा है। यह बेहद निराशाजनक और अस्वीकार्य है।
24 घंटे में गिरफ्तार हों आरोपीः चिदंबरम
जेएनयू हिंसा पर पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि घटना इस बात का सबूत है कि हम लगातार अराजकता की ओर बढ़ रहे हैं। यह घटनाएं केंद्र सरकार, गृह मंत्री, उपराज्यपाल और पुलिस कमिश्नर की नाक के नीचे देश की प्रमुख यूनिवर्सिटी में हुई। उन्होंने मांग की कि आरोपियों को गिरफ्तार कर 24 घंटे में अदालत में पेश किया जाए। साथ ही अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए और उन पर कार्रवाई की जाए।
मुंबई हमले की याद दिला दीः उद्धव ठाकरे
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस देश में छात्र असुरक्षित महसूस कर रहे हैं इस हमले ने उन्हें 26/11 मुंबई हमले की याद दिला दी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में छात्र सुरक्षित हैं, उन्हें चोट पहुंचाने के लिए कोई भी कदम बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने नकाबपोश हमलावरों को "कायर" बताते हुए कहा कि उनकी पहचान उजागर होनी चाहिए।
यह फासीवादी हमलाः ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हमले की निंदा की और इसे भाजपा द्वारा किया गया फासीवादी हमला करार दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ जो भी आवाज उठाता है, उसे ‘‘राष्ट्र विरोधी ’’ या ‘‘पाकिस्तानी’’ करार दे दिया जाता है। बनर्जी ने कहा, ‘‘भारत एक लोकतांत्रिक देश है और हमें प्रदर्शन करने का अधिकार है। ऐसे कैसे किसी को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने पर राष्ट्र विरोधी या पाकिस्तानी होने का तमगा दिया जा सकता है।’’
राहुल गांधी ने हिंसा पर जताई निराशा
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हिंसा पर निराशा जाहिर की और कहा कि यह उस डर को दिखाती है जो 'हमारे देश को नियंत्रित कर रही फासीवादी ताकतों को' छात्रों से लगता है। उन्होंने ट्वीट किया, 'नकाबपोश लोगों द्वारा जेएनयू छात्रों और शिक्षकों पर किया गया नृशंस हमला चौंकाने वाला है, जिसमें कई गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। हमारे देश को नियंत्रित कर रही फासीवादी ताकतें, बहादुर विद्यार्थियों की आवाज से डरती हैं। जेएनयू में आज हुई हिंसा उस डर को दर्शाती है।'
बता दें कि रविवार को जेएनयू यूनिवर्सिटी में दर्जनों नकाबपोश हमलावरों ने परिसर में तोड़फोड़ की, छात्रों-फैकल्टी पर हमला किया। इस दौरान 39 से ज्यादा छात्र इस घटना में घायल हुए हैं। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है।