मानसून सत्र से पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के संसदीय सदस्यों का फिर से गठन किया है। इसमें उन नेताओं को भी जगह दी गई है जिन्होंने पिछले साल एक चिठ्ठी के जरिए बगावती तेवर अख्तियार करते हुए पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। ‘जी-23’ नेताओं के कई नेताओं को इस फेरबदल में शामिल किया गया है।
‘जी -23’ के असंतुष्ट नेताओं में से शशि थरूर और मनीष तिवारी को लोकसभा में सात सदस्यीय समूह का हिस्सा बनाया गया है।
राज्यसभा सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे को इसमें शामिल किया गया है, जबकि एक अन्य असंतुष्ट नेता आनंद शर्मा को उपनेता बनाया गया है। जयराम रमेश को उच्च सदन में मुख्य सचेतक बनाया गया है। वहीं, अंबिका सोनी, दिग्विजय सिंह, केसी वेणुगोपाल और पी चिदंबरम को इस समूह के अन्य सदस्य बनाए गए हैं।
वहीं, पश्चिम बंगाल कांग्रेस के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी, लोकसभा में पार्टी के नेता बने रहेंगे, जबकि पूर्व सीएम तरुण गोगोई के पुत्र गौरव गोगोई सदन के उपनेता के रूप में बने रहेंगे।
कल से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। सोनिया गांधी की तरफ से एक बयान में कहा गया है, "ये संसदीय समूह संसद सत्र के दौरान प्रतिदिन मिलेंगे और जहां संसद के मुद्दों का संबंध है, अंतर-सत्र अवधि के दौरान भी बैठक कर सकते हैं।" आगे बयान में कहा गया है, “आवश्यकता पड़ने पर इन समूहों की संयुक्त बैठकें भी आयोजित की जा सकती हैं और मल्लिकार्जुन खड़गे संयुक्त बैठकों के संयोजक होंगे।”
संसद के शुरू हो रहे सत्र में कांग्रेस बढ़ती महंगाई, पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दामों के साथ-साथ कोरोना महामारी के दौरान सरकार की विफलता को लेकर मोदी सरकार को घेरेगी।