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सोनिया गांधी ने मोदी को दिलाई वाजपेयी की याद, जानिए क्या देख रही हैं फायदा

कांग्रेस नेता और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को रायबरेली सीट से अपना नामांकन दाखिल किया। इस...
सोनिया गांधी ने  मोदी को दिलाई वाजपेयी की याद, जानिए क्या देख रही हैं फायदा

कांग्रेस नेता और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को रायबरेली सीट से अपना नामांकन दाखिल किया। इस मौके पर सोनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र पर निशाना साधा और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को खुद को अपराजेय नहीं समझना चाहिए। कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी को 2004 के भाजपा के नारे 'इंडिया शाइनिंग' की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि उस समय अटल बिहारी वाजपेयी भी खुद को अजेय समझे थे लेकिन चुनाव में उनकी हार हुई और हमारी जीत।

रायबरेली सीट पर पर्चा दाखिल करने पहुंचीं सोनिया गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यदि यह सोचते हैं कि वह अजेय हैं तो ऐसी बात बिल्कुल नहीं है। उन्हें 2004 को नहीं भूलना चाहिए। उस समय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी खुद को अपराजेय समझते थे लेकिन चुनाव में उनकी हार हुई।'

इसलिए सोनिया ने दिलाई 'इंडिया शाइनिंग' की याद

दरअसल, नामांकन दाखिल करने के बाद सोनिया का निशाना भाजपा के 2004 के नारे 'इंडिया शाइनिंग' पर था। पांच साल के शासन के बाद चुनावों के दौरान एनडीए ने अपना यह नारा दिया था। इसका प्रचार-प्रसार बहुत जोरों से किया गया था। अटल बिहारी वाजपेयी के चेहरे पर भाजपा चुनाव लड़ रही थी। उस समय के ज्यादातर एक्जिट पोल्स में एनडीए के जीतने की बात की गई थी लेकिन ये अनुमान गलत साबित हुआ। 2004 में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की हार हुई थी और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए ने केंद्र की सत्ता में वापसी की। इसके बाद भाजपा को दस सालों तक सत्ता से बाहर रहना पड़ा। 

प्रमोद महाजन के दिमाग की उपज था यह अभियान

'इंडिया शाइनिंग' अभियान के पीछे तब बीजेपी के ‘चाणक्य’ माने जाने वाले प्रमोद महाजन की सोच मानी जाती है और इसे ग्रे वर्ल्डवाइड ऐडवर्टाइजिंग कंपनी के निर्विक सिंह के नेतृत्व में साकार किया गया था। इंडिया शाइनिंग के जरिए भारत को एक ओर तो उभरता और चमकदार देश बताया जा रहा था, तो वहीं दूसरी ओर जमीनी आंकड़े कुछ और ही कहानी कह रहे थे।

 

2004 में आया था चौंकाने वाला परिणाम

 

1999 में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। इस लिहाज से सरकार बनाने का न्योता अटल बिहारी वाजेपयी को मिला। वाजपेयी ने अपने साथ 21 दलों को मिलाया और सरकार भी बनाई। सरकार बनते ही अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान से अच्छे रिश्ते की कवायद की लेकिन बदले में करगिल वार मिला।  इसके बाद सरकार चली और कई बार कई मुद्दों को लेकर सरकार को बैकफुट में भी जाना पड़ा लेकिन सरकार ने सफलतापूर्वक अपने पांच साल बिताए। साल 2004 में दोबारा चुनाव आए। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इंडिया शाइनिंग का नारा दिया। इस नारे के साथ बीजेपी ने प्रचार-प्रसार के लिए करोड़ों रुपये भी खर्च किए लेकिन फिर भी भाजपा चुनाव हार गई थी।

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