सपा ने योगी सरकार का जनता से धोखाधड़ी का आरोप लगाया उपचुनावों के मद्देनज़र चुप्पी साधे रही अब दीवाली बाद मंहगी बिजली का झटका देने की तैयारी है कर रही है ।
सपा के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने बताया की बीजेपी सरकार 80 प्रतिशत घरेलू उपभोक्ताओं पर और बोझ डालेगी जबकि ज्यादा बिजली खपत करने वालों पर राहत बरसेगी।
प्रदेश में लगभग 10 करोड़ से ज्यादा बिजली उपभोक्ता है। सपा का आरोप है की अघोषित रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति मांग 4-6 घंटा ही हो रही है। समाजवादी सरकार ने विद्युत क्षेत्र में जो सुधार किए थे उन्हें निष्प्रभावी बना दिया ।
सपा ने कहा की भाजपा सरकार का सबसे बड़ा घोटाला मीटर खरीद को लेकर है। पिछले तीन वर्षों में प्रदेश में करीब 2000 करोड रूपये के इलेक्ट्रिानिक मीटर, 500 करोड़ रूपये के करीब 12 लाख स्मार्ट मीटर खरीदे गए हैं। बिना किसी जांच ग्रामीण क्षेत्र में सौभाग्य योजना के अंतर्गत गरीबों के घर में बिजली मीटर लगते हैं। पावर टेक कम्पनी से खरीदे गए मीटरों में तकनीकी खामियां और बड़े पैमाने पर लोड जम्पिंग की शिकायते सामने आई है। इन मीटरों को लगाते समय मीटर की संचार प्रणाली का टेस्ट नहीं किया गया। नई परियोजना या साफ्टवेयर जब किसी नई योजना के लिए लागू होता है तो पहले यूजर एक्सेंप्टेस टेस्ट (यूएटी) कई चरणों में होता है, इसे भी नहीं किया गया।
सपा का कहना है की दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम ने तो घोटाले में घोटाला का अभूतपूर्व काम किया है। उसने ऐसे मीटर लिए जो बिना लगे ही मीटर रीडिंग कर देते है। घरों में बिना मीटर लगाए ही ऑनलाइन सिस्टम में मीटर फीड के मामले चौंकाने वाले हैं। इसकी वजह से उपभोक्ताओं के घरों में गलत बिल आने लगे।
सपा ने सवाल उठाया की क्वालिटी निगरानी न करने के जो दोषी है उन पर अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई? ऊपर से नीचे तक मीटर घोटाले को दबाने की साजिश कौन कर रहा है? भाजपा सरकार को विभाग की गड़बड़ देखने की फुर्सत नहीं। बिजली विभाग भगवान भरोसे है। ऊर्जामंत्री जी चलाचली की बेला में साइकिल की सवारी करके और खुद ही बकाया वसूली करके जनता का ध्यान बंटाने का नाटक कर रहे हैं।