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सेना के नाम पर वोट मांगने से नाराज पूर्व सैन्य अधिकारी, राजनीतिकरण के खिलाफ राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए हो रहे चुनाव प्रचार के दौरान सेना और सैनिकों की वर्दी का इस्तेमाल करने पर कई...
सेना के नाम पर वोट मांगने से नाराज पूर्व सैन्य अधिकारी, राजनीतिकरण के खिलाफ राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए हो रहे चुनाव प्रचार के दौरान सेना और सैनिकों की वर्दी का इस्तेमाल करने पर कई सैन्य अधिकारियों ने आपत्ति जताई है। इस मामले को लेकर तीनों सेनाओं के 8 पूर्व प्रमुखों सहित 150 से अधिक पूर्व सैन्य अधिकारियों ने कथित तौर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी लिखने वालों में पूर्व सेना प्रमुख एसएफ रोड्रिग्स और शंकर राय चौधरी समेत 150 से अधिक पूर्व सैन्य अधिकारी शामिल हैं। राष्ट्रपति के साथ-साथ ये चिट्ठी चुनाव आयोग को भी भेजी गई है। इस चिट्ठी में सत्ताधारी बीजेपी पर सेना के ऑपरेशनों का श्रेय लेने ला आरोप लगाया गया है।

राष्ट्रपति को पत्र लिखने वालों में पूर्व जनरल एसएफ रोड्रिग्स, पूर्व जनरल शंकर राय चौधरी, पूर्व जनरल दीपक कपूर और पूर्व वायुसेना प्रमुख एनसी सूरी शामिल हैं। राष्ट्रपति को लिखे पत्र में पूर्व सैन्य अफसरों ने शिकायत की है कि सेना देश की है किसी पार्टी की नहीं। पत्र में नेताओं की ओर से सैन्य पराक्रम का श्रेय लेने का विरोध जताया गया है। राष्ट्रपति और चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखने वालों में 8 पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ के नाम शामिल हैं।

राजनीतिक इस्तेमाल को रोकने के लिए कदम उठाने की अपील

11 अप्रैल को सार्वजनिक हुई इस चिट्ठी में राष्ट्रपति से राजनीतिक दलों के सेना के राजनीतिक इस्तेमाल को रोकने के लिए कदम उठाने की अपील की गई है। पूर्व सैन्य अधिकारियों का कहना है कि सेना के ऊपर किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए।  

राष्ट्रपति के अलावा चुनाव आयोग को भी लिखा पत्र

पूर्व नौसेना प्रमुख एल रामदास ने आयोग को लिखे पत्र में कहा कि इसलिए हम चुनाव आयोग से आग्रह करते हैं कि वह तुरंत इस मामले में दखल दे और चुनाव में सेना की तस्वीर या उससे जुड़ी कोई तस्वीर का दुरुपयोग रोके। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए भारतीय सेना को 'मोदी की सेना' बताया था. इसके बाद से ही इस पर विवाद हो रहा है।

यहां पढ़ें पूरी चिट्ठी

पिछले दिनों भाजपा की रैलियों में ऐसे हुआ सेना का प्रयोग 

बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में भारतीय सेना को 'मोदी जी की सेना' कहकर संबोधित किया था। इसके अलावा दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी भी एक रैली में सेना की वर्दी में नजर आए थे, जिसके बाद विपक्ष ने इस मुद्दे पर पर बीजेपी को घेरा था। वहीं, महाराष्ट्र के लातूर की रैली में पीएम मोदी ने भी कहा था कि 'अपने मत उन बहादुर लोगों को समर्पित करें, जिन्होंने पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमले को अंजाम दिया'। पीएम के इस बयान पर भी खूब बवाल मचा और विपक्षी पार्टियों ने निशाना साधा।

मोदी के ऐसे भाषण पर रिपोर्ट तलब

सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव आयोग से पीएम मोदी के ऐसे भाषण पर रिपोर्ट तलब किया है | महाराष्ट्र में स्थानीय चुनाव अधिकारियों ने चुनाव आयोग को बताया है कि पहली बार मतदान करने जा रहे मतदाताओं से बालाकोट हवाई हमले के नाम पर अपना वोट डालने की अपील वाली प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी प्रथम दृष्टया इसके उन आदेशों का उल्लंघन है जिसमें उसने अपने प्रचार अभियान में राजनीतिक दलों से सशस्त्र बलों के नाम का इस्तेमाल नहीं करने को कहा था।

कांग्रेस का बीजेपी हमला

पूर्व सैन्य अफसरों की ओर से राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखे जाने पर कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा कि मोदी वोट के लिए सैनिकों का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन सैनिकों का स्टैंड साफ है कि वो भारत के साथ हैं न कि बीजेपी के।

 


 

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