नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा है कि वह वर्ष 2014 के चुनावी घोषणा-पत्र में किए वादे के अनुसार हिन्दुत्व एजेंडे को लागू करने पर भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाने के लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को राजी करेें। मोदी को लिखे पत्र में स्वामी ने कहा कि शाह इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर उनके पत्र का चार महीने के बाद भी जवाब देने में नाकाम रहे हैं। जबकि यह मुद्दा सभी पार्टी कार्यकर्ताओं और संघ परिवार के दिल के करीब है।
स्वामी ने कहा कि पार्टी ने विशेष रूप से प्रतिबद्धता जताई थी कि अगर कानूनी उपायों से संभव हुआ तो राम मंदिर बनाया जाएगा। सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने पत्र में सूचना प्रौद्योगिकी कानून की विवादित धारा हटाने, राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग कानून तथा आपराधिक मानहानि जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार के विधि अधिकारियों के खराब फैसलों की शिकायत भी की थी। स्वामी ने कहा कि सरकार ने आईटी कानून की धारा 66 ए के खिलाफ रूख अपनाया जिसे अदालत द्वारा निरस्त कर दिया गया। इसके अलावा उन्होंने कोलेजियम प्रणाली की जगह न्यायिक नियुक्ति आयोग को भी मनमाने तरीके से लिया गए फैसला करार दिया था। उन्होंने कहा, इससे सामूहिक रूप से न्याय पालिका और विशेष रूप से उच्चतम न्यायालय नाराज है।
स्वामी ने कहा कि एक समाचार पत्र की खबर से उन्हें पता चला है कि सरकार मानहानि कानून को अपराध की श्रेणी से हटाने की मांग वाली उनकी याचिका का विरोध करेगी।