पंजाब की राजनीति में उठापटक जारी है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस की सदस्यता से अपना इस्तीफा दे दिया और उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेज भी दिया। कैप्टन ने पंजाब लोक कांग्रेस नाम से नई पार्टी बनाई है। लेकिन उनके इस कदम से कांग्रेस में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पार्टी नेताओं के टूटने के डर से देर रात तक कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक चलती रही। वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर चिंता जताई। उन्होंने यहां तक कह दिया कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने नवजोत सिंह सिद्धू को संरक्षण दिया, कांग्रेस को एक दिन पछताना पड़ेगा।
कांग्रेस नेताओं को अब डर है कि कैप्टन के नई पार्टी के ऐलान के बाद उनकी पार्टी के नेता अमरिंदर के नए दल में न शामिल हो जाएं। लिहाजा देर रात तक कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक चली। राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू और हरीश चौधरी समेत तमाम नेता इस बैठक में शामिल हुए।
उधर पंजाब के मंत्री राजकुमार वेरका ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी प्रेम में कैप्टन पंजाब के विरोधियों से हाथ मिला रहे हैं, जनता उन्हें माफ नहीं करेगी।
वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया कि मैंने अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को भेज दिया है। इसके साथ ही उन्होंने अपनी नई पार्टी का ऐलान भी कर दिया। पंजाब लोक कांग्रेस नई पार्टी का नाम होगा। हालांकि अभी पंजीकरण बाकी है। पार्टी का चुनाव चिह्न बाद में मिलेगा।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे सात पेज पत्र में कैप्टन ने नवजोत सिंह सिद्धू पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा कि मेरे लगातार आगाह करने के बावजूद और पंजाब के सभी सांसदों की सर्वसम्मति से बनी सलाह के बाद आपने पाकिस्तान प्रेमी नवजोत सिंह सिद्धू को नियुक्त करने का फैसला किया, जिसने सार्वजनिक तौर पर पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल बाजवा और इमरान खान को गले लगाया था। उन्होंने सोनिया गांधी को लिखा है कि एक दिन कांग्रेस आलाकमान को अपने इस फैसले पर पछताना पड़ेगा।
पूर्व सीएम कैप्टन ने कहा कि सिद्धू को राहुल व प्रियंका गांधी का संरक्षण प्राप्त था जबकि आपने आंखें मूंद ली। हरीश रावत ने सिद्धू की सहायता की और उकसाया भी। उन्होंने यह आरोप भी लगाया है कि उन्हें अब पार्टी में मान-सम्मान नहीं दिया जा रहा था। उन्होंने कांग्रेस के साथ अपने कई सालों के जुड़ाव और मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए पंजाब के हित में किए गए कामों का लेखा-जोखा भी पेश किया है।
लंबे समय से सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच चल रही अनबन चरम पर पहुंच गई थी। चंडीगढ़ में अचानक कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई लेकिन इसकी जानकारी कैप्टन अमरिंदर सिंह को नहीं दी गई थी। सोनिया गांधी से फोन पर बातचीत के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया था।
अब कैप्टन की नजर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के नाराज नेताओं पर है। टकसाली नेताओं को भी वह अपने खेमे में ला सकते हैं। कांग्रेस में टिकट बंटवारे के समय नेताओं में नाराजगी बढ़ने की आशंका है।
पिछले दिनों कैप्टन अमरिंदर सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात होनी थी लेकिन किसी कारणवश मुलाकात टल गई। मुलाकात के दौरान किसान आंदोलन व कृषि कानूनों पर चर्चा होनी थी। कैप्टन अमरिंदर ने पहले ही साफ दिया है कि किसानों की समस्या हल करने के बाद ही भाजपा के साथ गठबंधन पर चर्चा होगी।