राजनीतिक परिवारों की नयी पीढ़ी के नेताओं ने इस बार के लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया है। बांसुरी स्वराज, श्रीकांत शिंदे और करण भूषण सिंह ने अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में जीत हासिल की।
भारत निर्वाचन आयोग के अंतिम आंकड़ों के अनुसार, भारत कुश्ती संघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के बेटे एवं भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर उत्तर प्रदेश की कैसरगंज सीट से चुनाव लड़ने वाले करण भूषण सिंह ने 5,71,263 वोट के साथ जीत हासिल की।
भाजपा की दिवंगत दिग्गज नेता सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज ने दिल्ली के नयी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की और उन्होंने 78,370 मतों के अंतर से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को हराया।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे एवं शिवसेना से चुनाव लड़ने वाले श्रीकांत शिंदे ने महाराष्ट्र की कल्याण सीट से 2,09,144 मतों के अंतर से जीत हासिल की। कांग्रेस अध्यक्ष एम मल्लिकार्जुन खड़गे के दामाद राधाकृष्ण डोड्डामणि ने कर्नाटक की गुलबर्गा लोकसभा सीट 27,205 मतों के अंतर से जीत ली।
हालांकि कुछ उम्मीदवार अपनी सीट जीतने में असफल रहे। पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते एवं जनता दल (सेक्युलर) के निलंबित नेता प्रज्वल रेवन्ना कर्नाटक की हसन लोकसभा सीट से 42,649 मतों के अंतर से हार गये। रेवन्ना पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने के आरोप हैं।
निर्वाचन आयोग के अंतिम परिणाम के अनुसार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए.के. एंटनी के बेटे एवं भाजपा उम्मीदवार रहे अनिल एंटनी केरल के पत्तनमथिट्ठा लोकसभा क्षेत्र से हार गए और 2,34,406 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। इसके अलावा भाजपा के शुभेंदु अधिकारी के छोटे भाई सौमेंदु अधिकारी पश्चिम बंगाल की कांथी सीट से 47,764 मतों के अंतर से जीत गये।
वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद की दोनों बेटियों के लिए परिणाम अलग-अलग रहे। बिहार की पाटलिपुत्र सीट से मीसा भारती 85,174 मतों के अंतर से जीत गईं, जबकि सारण सीट से रोहिणी आचार्य भाजपा के राजीव प्रताप रूडी से 13,661 मतों के अंतर से हार गईं। पश्चिम बंगाल की मालदा दक्षिण सीट से कांग्रेस के अबू हाशिम खान चौधरी के बेटे इशा खान चौधरी 5,72,395 मत हासिल कर जीतने में कामयाब रहे। कोलकाता दक्षिण से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) उम्मीदवार सायरा शाह हलीम तीसरे नंबर पर रहीं।