हाल ही में कांग्रेस छोड़ने के बाद गुलाम नबी आजाद एक बार फिर से मीडिया से मुखातिब हुए। इस दौरान आजाद ने अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि घर वालों ने घर छोड़ने के लिए जबरन मजबूर किया। जहां घर वालों को लगे कि यह आदमी नहीं चाहिए तो अकलमंदी खुद घर छोड़ने में है। वहीं गुलाम नबी ने भाजपा से सांठगांठ को लेकर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जो शख्स (राहुल गांधी) अपनी स्पीच खत्म करने के बाद भरी सदन में पीएम से गले मिले, तो बताएं कि वे मिले हैं या मैं मिला हूं?
आपका रिमोट कंट्रोल भाजपा के हाथ में है' के सवाल पर गुलाम आजाद ने कहा कि घर वालों ने घर छोड़ने पर मजबूर किया और जहां घर वालों को लगे कि यह आदमी नहीं चाहिए तो अकलमंदी खुद घर छोड़ने में है...जो शख्स अपनी स्पीच खत्म करने के बाद भरी सदन में उनसे(PM से) गले मिले, तो वे मिले हैं या मैं मिला हूं?
<blockquote class="twitter-tweet"><p lang="hi" dir="ltr">घर वालों ने घर छोड़ने पर मजबूर किया और जहां घर वालों को लगे कि यह आदमी नहीं चाहिए तो अकलमंदी खुद घर छोड़ने में है...जो शख्स अपनी स्पीच खत्म करने के बाद भरी सदन में उनसे(PM से) गले मिले, तो वे मिले हैं या मैं मिला हूं?:'आपका रिमोट कंट्रोल भाजपा के हाथ में है' के सवाल पर गुलाम आजाद <a href="https://t.co/QM4VyMycWs">pic.twitter.com/QM4VyMycWs</a></p>— ANI_HindiNews (@AHindinews) <a href="https://twitter.com/AHindinews/status/1564137382580211713?ref_src=twsrc%5Etfw">August 29, 2022</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>
पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पहले वे (जयराम रमेश) अपना डीएनए चेक करवाएं कि कहां के हैं और किस पार्टी से हैं, वह देखें कि उनका डीएनए किस-किस पार्टी में रहा है। बाहर के लोगों को कांग्रेस का अता-पता नहीं है। चापलूसी और ट्विट कर जिन्हें पद मिले अगर वे आरोप लगाएं तो हमें दुख होता है।
वहीं, कांग्रेस पार्टी में चुनाव के सवाल पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैं कांग्रेस के लिए दुआ ही कर सकता हूं लेकिन कांग्रेस मेरी दुआ से ठीक नहीं होगी उसके लिए दवा चाहिए। अभी उसका डॉक्टर कंपाउंडर है। अभी कांग्रेस को स्पेशलिस्ट की जरूरत है।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मोदी तो बहाना है, जी23 की चिट्ठी लिखे जाने के बाद से उनका मेरे साथ विवाद है। वे कभी नहीं चाहते थे कि कोई उन्हें लिखे, उनसे सवाल करे। कांग्रेस की कई बैठकें हुईं लेकिन एक भी सुझाव नहीं लिया गया।