कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह अपने बयानों को लेकर एक बार फिर विवाद में हैं। हालांकि वे अपने विवादित बयान पर कायम हैं और उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि उन्हें देशद्रोही और पाकिस्तानी समर्थक बताया जा रहा है अगर मोदी में हिम्मत है तो उनपर मुकदमा दायर करके दिखाए। बता दें कि दिग्विजय सिंह ने अपने एक ट्वीट में पुलवामा आतंकी हमले को दुर्घटना बताया था, जिसके बाद वे निशाने पर आ गए थे।
दिग्विजय सिंह ने मोदी सरकार को चुनाती देते हुए ट्वीट किया, "मेरे जिस ट्वीट पर आप व आपके मंत्री गण मुझे पाकिस्तान समर्थक मानते हैं देशद्रोही मानते हैं वह मैंने दिल्ली से किया था जहां की पुलिस केंद्र सरकार के तहत आती है। अगर आप में साहस है तो मेरे ऊपर मुकदमा दायर करें।''
एक दूसरे ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने कहा, ''मोदी जी आपने व आपके मंत्री गणों ने मुझ पर अनेक आरोप लगाए हैं आपके अनेक बीजेपी नेता मुझ पर देशद्रोह का मुकदमा दायर करना चाहते हैं।''
''पुलवामा आतंकी हमला दुखद दुर्घटना थी”
अपने दुर्घटना वाले बयान के जवाब में दिग्विजय सिंह ने कहा, ''पुलवामा आतंकी हमला हमारे लिये, सभी देशवासियों और विशेष तौर पर उसमें शहीद हुए बहादुरों के परिवारों के लिए तो दुखद दुर्घटना थी। जो उसे दुखद दुर्घटना ना मानें तो यह उनका विवेक है।''
उन्होंने आगे लिखा, ''पुलवामा आतंकी हमले को मैंने दुर्घटना कह दिया तो मोदी जी से लेकर 3 केंद्रीय मंत्री मुझे पाकिस्तान समर्थक बताने में जुट गए। उत्तर प्रदेश में बीजेपी के उप मुख्य मंत्री जी केशव मौर्य जी का बयान कृपया सुनें। मोदी जी व उनके मंत्रीगण मौर्य जी के बारे में कुछ कहना चाहेंगे?''
पुलवामा हमले के बाद हुई कार्रवाई पर उठाए सवाल
पुलवामा हमले के बाद हुई कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए दिग्विजय सिंह ने लिखा, ''आज तक मोदी जी ने पुलवामा के आतंकी हमले में खुफिया तंत्र का नाकामी के बारे में क्या कार्रवाई की, कौन उसके लिए ज़िम्मेदार है देश को अवगत नहीं कराया। क्या इस विषय पर मोदी जी किसी को जिम्मेदार ठहराते हैं या नहीं? क्या एनएसए, आईबी चीफ, और रॉ चीफ से आपने स्पष्टीकरण मांगा?''
पुलवामा आतंकी हमले को बताया दुर्घटना
दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को अपने ट्विटर हैंडल पर ‘पुलवामा आतंकी हमले’ को ‘पुलवामा दुर्घटना’ लिखा है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, “पुलवामा दुर्घटना के बाद हमारी वायु सेना द्वारा की गयी “एयर स्ट्राइक" के बाद कुछ विदेशी मीडिया में संदेह पैदा किया जा रहा है जिससे हमारी भारत सरकार की विश्वसनीयता पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहा है।”
दिग्विजय ने ट्वीट किया कि हमें हमारी सेना पर उनकी बहादुरी पर गर्व है व सम्पूर्ण विश्वास है। सेना में मैंने मेरे अनेकों परिचित व निकट के रिश्तेदारों को देखा है किस प्रकार वे अपने परिवारों को छोड़ कर हमारी सुरक्षा करते हैं। हम उनका सम्मान करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि प्रधान मंत्री जी आपकी सरकार के कुछ मंत्री कहते हैं 300 आतंकवादी मारे गये भाजपा अध्यक्ष कहते हैं 250 मारे हैं, योगी आदित्यनाथ कहते हैं 400 मारे गये और आपके मंत्री एसएस अहलुवालिया कहते एक भी नहीं मरा। और आप इस विषय में मौन हैं। देश जानना चाहता है कि इसमें झूठा कौन है।
उन्होंने कहा कि मोदी जी सवाल ना सियासत का है ना सत्ता का। सवाल उन बिलखती बहनों का है जिन्होंने अपने भाई खोए हैं सवाल उस मां का है जिसके लाड़ले की शाहदत हुई है और सवाल उस वीरांगना का है जिसने अपना पति खोया है। इनके सवालों का जवाब आप कब देंगे?
कांग्रेस के नेता पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं: भाजपा
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि क्या कांग्रेस नेताओं को भारतीय सेना की बहादुरी पर भरोसा नहीं है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह तो आतंकी को ओसामा जी कहते थे। अब पुलवामा हमले को दुर्घटना बता रहे हैं। ये जवानों की शहादत का मजाक है। जो यहां कहा जा रहा है वो पाकिस्तान में दिखाया जा रहा है। कांग्रेस नेताओं की टिप्पणी वहां हेडलाइन है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि दिग्विजय सिंह को शर्म आनी चाहिए।
‘मुझे लगा कि दिग्विजय सिंह और सिब्बल सुधर जाएंगे, लेकिन...’
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मैं कांग्रेस के नेताओं से अपील करता हूं कि अपनी ओछी राजनीति के लिए सेना का मनोबल कमजोर न करें। आखिर कांग्रेस को इतनी समझदारी क्यों नहीं बनती कि देश का मूड क्या है? उन्होंने कहा कि हम इतने अंदर घुस गए थे कि पाकिस्तान इनकार ही नहीं कर पाया। कहा कि खेत में बम गिराकर चले गए. क्या सिब्बल और चिदंबरम पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं? मुझे लगा कि दिग्विजय सिंह और सिब्बल सुधर जाएंगे, लेकिन दिग्विजय सिंह तो कमाल की चीज हैं। देश ऐसे लोगों को एक्सपोज करेगा। मैं पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि ऐसे नेताओं की करतूत को बेनकाब किया जाए। राहुल और सोनिया गांधी से जवाब मांगा जाए। ये बगैर सोनिया-राहुल की सहमति के नहीं बोल रहे हैं।