बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए उस पर पूंजीपतियों के हितों को बढ़ावा देते हुए डॉ. भीमराव अंबेडकर और उनके अनुयायियों का अपमान करने का आरोप लगाया।
मायावती ने एक्स पर हिंदी में लिखे एक पोस्ट में राजनीतिक दलों की आलोचना करते हुए कहा कि वे पूंजीपतियों और बड़े उद्योगों के वित्तीय समर्थन पर निर्भर रहते हैं तथा "अमीर समर्थक" और "गरीब विरोधी और किसान विरोधी" रुख अपनाते हैं।
उन्होंने 2023-24 में पार्टियों को मिले वित्तीय दान का उल्लेख किया और रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें बताया गया कि भाजपा को सबसे अधिक योगदान मिला, उसके बाद बीआरएस (भारत राष्ट्र समिति) और कांग्रेस का स्थान रहा।
मायावती ने कहा कि अन्य पार्टियों के विपरीत, बसपा स्वच्छ है और धनी अभिजात वर्ग के प्रभाव से मुक्त है, क्योंकि यह अपने कार्यकर्ताओं द्वारा दान किए गए "कड़ी मेहनत की कमाई" पर काम करती है।
उन्होंने कहा कि बसपा जमीनी स्तर के समर्थन पर निर्भर है, जबकि कांग्रेस, उनके अनुसार, सार्वजनिक रूप से पूंजीपतियों का विरोध करती है, लेकिन उनके वित्तीय योगदान से लाभ उठाती है।
मायावती ने कहा, "कांग्रेस पार्टी के दोहरे मापदंड हैं।" उन्होंने कहा कि सत्ता में आते ही यह पार्टी अमीरों के पक्ष में काम करती है।
मायावती ने कांग्रेस पर भारत के संविधान निर्माता अंबेडकर की विरासत की अनदेखी करने तथा उनका और उनके अनुयायियों का अनादर करने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने दावा किया कि पार्टी वोट हासिल करने के उद्देश्य से अंबेडकर के नाम का इस्तेमाल "भ्रामक राजनीति" के लिए करती है और लोगों से ऐसी रणनीति से सावधान रहने को कहा।