Advertisement

"इतिहास को तोड़-मरोड़ रहे, एक दिन सावरकर को दे देंगे राष्ट्रपिता का दर्जा", राजनाथ सिंह पर ओवैसी का पलटवार

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने वीडी सावरकर पर दिए बयान...

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने वीडी सावरकर पर दिए बयान के लिए राजनाथ सिंह पर पलटवार किया है। असदुद्दीन ओवैसी ने राजनाथ सिंह पर इतिहास को तोड़ मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया है। साथ ही ओवैसी ने कहा है कि एक दिन ये लोग सावरकर को राष्ट्रपिता का दर्जा दे देंगे।

जब असदुद्दीन ओवैसी से राजनाथ सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया पूछी गई तो उन्होंने कहा, ‘’ये लोग इतिहास को तोड़कर पेश कर रहे हैं। एक दिन ये लोग महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता के दर्जे से हटाकर सावरकर को ये दर्जा दे देंगे। न्यायाधीश जीवन लाल कपूर की जांच में सावरकर को गांधी की हत्या में शामिल पाया गया था।’’

जानें क्या बोले थे राजनाथ सिंह

वीर सावरकर को एक कट्टर राष्ट्रवादी और 20वीं सदी में भारत का पहला सैन्य रणनीतिकार बताते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि महात्मा गांधी के अनुरोध पर उन्होंने अंग्रेजों को दया याचिकाएं लिखीं और मार्क्सवादी और लेनिनवादी विचारधारा के लोग उन पर गलत आरोप लगाते हैं कि वे एक फासीवादी थे।

उन्होंने उन पर एक किताब के विमोचन के कार्यक्रम में सावरकर को "राष्ट्रीय प्रतीक" के रूप में वर्णित किया और कहा कि उन्होंने देश को "मजबूत रक्षा और राजनयिक सिद्धांत" दिया।

उन्होंने कहा, "वह भारतीय इतिहास के एक प्रतीक थे और रहेंगे। उनके बारे में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उन्हें नीचा दिखाना उचित और न्यायसंगत नहीं है। वह एक स्वतंत्रता सेनानी और एक कट्टर राष्ट्रवादी थे, लेकिन लोग जो मार्क्सवादी और लेनिनवादी विचारधारा का पालन करते हैं, वही सावरकर पर फासीवादी होने का आरोप लगाते हैं..." सिंह ने कहा, सावरकर के प्रति नफरत अतार्किक और अनुचित है।

एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में सावरकर के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के लिए उनकी प्रतिबद्धता इतनी मजबूत थी कि अंग्रेजों ने उन्हें दो बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

रक्षा मंत्री ने कहा, "सावरकर के बारे में बार-बार झूठ फैलाया गया। यह फैलाया गया कि उन्होंने जेलों से अपनी रिहाई के लिए कई दया याचिकाएं दायर कीं। महात्मा गांधी ने उनसे दया याचिका दायर करने के लिए कहा।"

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad