तृणमूल कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यालय में सुरक्षा बलों की भर्ती में अग्निवीरों को प्राथमिकता देने संबंधी बयान को लेकर भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की निंदा करते हुए कहा कि उनका बयान देश के सैनिकों की ‘‘बहादुरी का अपमान’’ है। तृणमूल ने रविवार को कहा कि देश के युवा ‘‘भाजपा कार्यालयों के चौकीदार बनने के लिए’’ नहीं हैं। पार्टी ने विजयवर्गीय के इस बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्पष्टीकरण देने को कहा। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने रविवार को कहा था कि अग्निवीर सैनिकों को प्राथमिकता दी जाएगी यदि उन्हें पार्टी कार्यालयों में सुरक्षा सेवाएं देनी हैं।
विजयवर्गीय की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए, सत्तारूढ़ टीएमसी ने यह कहते हुए पलटवार किया कि देश के युवा को "भाजपा कार्यालयों का द्वारपाल नहीं कहा जा सकता है"।
पार्टी ने अपने सहयोगी की टिप्पणी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्पष्टीकरण मांगा है।
टीएमसी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया, ‘‘युवा शक्ति इस देश की सेवा करना चाहती है। वह मोदी सरकार की तरह नहीं है। प्रधानमंत्री को स्पष्टीकरण देना चाहिए कि क्या ये भी ‘हाशिए पर’ मौजूद तत्वों के बयान हैं।’’
भाजपा के दो पूर्व पदाधिकारियों नुपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल की पैगंबर मोहम्मद को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों पर कुवैत और कतर में भारत के दूतावासों ने बयान जारी करके कहा था कि ये टिप्पणियां ‘‘हाशिए पर मौजूद तत्वों’’ की हैं।
टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि टिप्पणियों ने भाजपा की असली मानसिकता को उजागर किया।
इसी तरह, सीपीआई (एम) केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि विजयवर्गीय ने "देश के युवा महत्वाकांक्षी सैन्य कर्मियों का अपमान किया है और देश की रक्षा करने वाले सशस्त्र बलों की वीरता को कम किया है"।
उन्होंने कहा कि वे विजयवर्गीय के बयान पर भाजपा से तत्काल स्पष्टीकरण चाहते हैं।
सशस्त्र बलों के लिए केंद्र की शॉर्ट-सर्विस योजना 'अग्निपथ' के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों ने देश के विभिन्न हिस्सों को हिलाकर रख दिया है, आंदोलनकारियों ने बिहार, पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में सार्वजनिक संपत्ति में तोड़फोड़ की और ट्रेनों को जला दिया। इस नई योजना के तहत चुने गए युवाओं को अग्निवीर कहा जाएगा।