सरकार ने रविवार को एक सर्वदलीय बैठक में कहा कि वह संसद के मानसून सत्र में विपक्ष द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है, और जोर देकर कहा कि वह ऑपरेशन सिंदूर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावों पर प्रतिक्रिया की मांगों का उचित जवाब देगी।
सोमवार से शुरू हो रहे सत्र से पहले परंपरागत बैठक में विपक्ष ने बिहार में मतदाता सूची संशोधन, पहलगाम आतंकी हमला और ट्रंप के 'युद्धविराम' के दावों सहित विभिन्न मुद्दे उठाए।
सरकार ने एक महीने तक चलने वाले सत्र के सुचारू संचालन के लिए विपक्ष के साथ समन्वय की मांग की। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि संसद को सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार-विपक्ष के बीच समन्वय होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार ऑपरेशन सिंदूर पर ट्रम्प के दावों का मुद्दा विपक्ष द्वारा उठाए जाने पर संसद में उचित जवाब देगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार नियमों और परंपराओं के अनुरूप संसद में सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है और उन्होंने कहा कि सरकार ऑपरेशन सिंदूर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि उनकी पार्टी ने ट्रम्प के दावों, पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार "चूक" और बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बयान मांगा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का यह दायित्व है कि वे अपनी पार्टी द्वारा उठाए गए प्रमुख मुद्दों पर संसद में बयान दें।
आम आदमी पार्टी (आप) के संजय सिंह ने कहा कि उन्होंने बैठक में बिहार में एसआईआर के कथित "चुनाव घोटाले" और ट्रम्प के इस दावे को उठाया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच 'युद्धविराम' की मध्यस्थता की थी।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इंडिया ब्लॉक केवल लोकसभा चुनावों के लिए है और आप अपने दम पर विधानसभा चुनाव लड़ रही है।
बीजद के सस्मित पात्रा ने कहा कि केंद्र राज्यों में ‘‘विफल’’ कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी से बच नहीं सकता और संसद को इस पर बहस करनी चाहिए। वह एक कॉलेज छात्रा द्वारा आत्मदाह की घटना और ओडिशा में पुरुषों के एक समूह द्वारा 15 वर्षीय किशोरी को आग लगाने की घटना का जिक्र कर रहे थे।
पात्रा ने कहा कि ओडिशा में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है और वहां की भाजपा सरकार असहाय और असफल हो चुकी है।
माकपा के जॉन ब्रिटास ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले पर ट्रंप के दावों पर संसद में बोलना चाहिए। केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए। रिजिजू और उनके कनिष्ठ मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी बैठक में सरकार का प्रतिनिधित्व किया।
बैठक में कांग्रेस के गोगोई और जयराम रमेश, राकांपा-शरद पवार की सुप्रिया सुले, द्रमुक के टी आर बालू और आरपीआई (ए) नेता एवं केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले शामिल थे।
इंडिया गठबंधन दलों ने संसद के मानसून सत्र के दौरान पहलगाम हमले के आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में न लाए जाने, भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान 'युद्धविराम' कराने के ट्रम्प के बार-बार किए गए दावों और बिहार में एसआईआर के मुद्दे को उठाने का संकल्प लिया है, जिसके बारे में विपक्ष का आरोप है कि इससे "लोगों के मताधिकार को खतरा है।"