मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार से पहले कई मंत्रियों के इस्तीफों को लेकर सियासी गर्मी बढ़ गई है। इस दौरान इस्तीफा देने वालों के बयान भी आ रहे हैं। राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि उन्होंने भाजपा नेतृत्व के आदेश पर अपना इस्तीफा दिया है। वहीं उमा भारती ने ट्वीट कर अपनी बात रखी है।
केंद्रीय कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा, “पार्टी नेतृत्व का आदेश मिलते ही मैंने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। यह सरकार में एक सामान्य प्रक्रिया है।”
Rajiv Pratap Rudy says his resignation was Centre's 'decision, prerogative'
Read @ANI story | https://t.co/395l2hYD3N pic.twitter.com/38DdTb5IWy
— ANI Digital (@ani_digital) 1 September 2017
वहीं केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने अपने इस्तीफे के सवाल के जवाब में कुछ भी बोलने से मना किया। इसके बाद उन्होंने ट्वीट कर कहा, “कल से चल रही मेरे इस्तीफे के खबरों पर मीडिया ने प्रतिक्रिया पूछी। इसपे मैंने कहा कि मैंने ये सवाल सुना ही नहीं, न सुनूंगी, न जवाब दूंगी।”
कल से चल रही मेरे इस्तीफे के खबरों पर मीडिया ने प्रतिक्रिया पूछी। इसपे मैंने कहा कि मैंने ये सवाल सुना ही नहीं, न सुनूँगी, न जवाब दूंगी। /1
— Uma Bharti (@umasribharti) 1 September 2017
उन्होंने कहा, “इस बारे में या तो राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह या वो जिसको नामित करें, वही बोल सकते हैं। मेरा इस पर बोलने का अधिकार नहीं है।”
इस बारे में या तो राष्ट्रीय अध्यक्ष जी @AmitShah या अध्यक्ष जी जिसको नामित करे, वही बोल सकते है। मेरा इसपर बोलने का अधिकार नही है। /2
— Uma Bharti (@umasribharti) 1 September 2017
गौरतलब है कि तीन साल पूरे कर चुकी मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में अब तक का सबसे बड़ा फेरबदल हो रहा है।कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूडी के इस्तीफे के बाद जल संसाधन मंत्री उमा भारती, राज्य मंत्री संजीव बालियान और स्वास्थ्य राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने भी इस्तीफा दे दिया है।
सूत्रों के अनुसार, जिन मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है अथवा जिनसे इस्तीफा देने के लिए कहा गया है, उनमें कलराज मिश्र, निर्मला सीतारमण, गिरिराज सिंह और महेंद्रनाथ पांडेय के नाम शामिल हैं। इनके अलावा एक-दो और मंत्रियों के इस्तीफे की अटकलें लगाई जा रही हैं। रेल मंत्री सुरेश प्रभु पहले ही अपने इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं। उनकी जगह नितिन गडकरी को रेल मंत्रालय का जिम्मा मिल सकता है। मंत्रिमंडल में इस फेरबदल का मकसद एनडीए के नए सहयोगियों को सरकार में शामिल करने के साथ-साथ लचर प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों को बदलना भी है।